
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते रविवार को रीवा में 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जिससे हजारों यात्री घंटों तक फंसे रहे। वहीं, तीन ट्रेनों के रद्द होने से रेलवे स्टेशन पर भी भारी अफरा-तफरी मची रही।
प्रयागराज महाकुंभ का पर्व 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक है। ऐसे में महाकुंभ के अंतिम दौर में 16 फरवरी को रविवार होने की वजह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। जहां पहले एमपी-यूपी बॉर्डर के चाकघाट क्षेत्र में जाम की स्थिति बन रही थी। वहीं, 3 ट्रेन रद्द होने से रेलवे स्टेशन के बाहर और रेलवे ओवरब्रिज पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। 4 घंटे से यात्री रेलवे ओवरब्रिज पर कड़ी धूप में बैठे हुए हैं।
5 हजार गाड़ियां फंसी हुई है
रविवार दोपहर लगभग 5 हजार गाड़ियां रीवा पहुंच चुकी हैं। जहां रीवा शहर की सीमा में चोरहटा बाईपास पर ही 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। जहां जाम की वजह से कुंभ जाने वाले श्रद्धालु एक ओर परेशान हैं। वहीं, दूसरी तरफ घंटों से जाम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जबकि प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल नजर आ रही है।
वीकेंड का दिन होने की वजह से शनिवार रात से ही रीवा होकर प्रयाग जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुनी हो गई थी। जहां शनिवार रात से ही रीवा शहर में जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी। इसके साथ ही चोरहटा बाईपास में कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया था।
यात्री बोले- घंटों से जाम में फंसकर परेशान
फैजान खान ने बताया कि मैं भोपाल से आया हूं। आए दिन रीवा प्रयाग मार्ग में जाम लग रहा है। जिसकी वजह से यात्री काफी परेशान हो रहे हैं। मैं तकरीबन 2 घंटे से जाम में फंसा हुआ हूं, लेकिन प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। प्रशासन हमारी व्यवस्था को समझे और यात्रियों के लिए उचित व्यवस्था की जाए। हर दिन जाम लगने के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई विशेष पहल देखने को नहीं मिल रही है।
कर्नाटक के यात्री बोले- शहर तक में नहीं हो पा रही एंट्री
कर्नाटक से आए कीरपा कारदाने ने बताया कि हम 1500 किलोमीटर की यात्रा तय करके यहां रीवा पहुंचे हैं। हमने सोचा था कि सीधा रीवा होते हुए प्रयाग निकल जाएंगे, लेकिन यहां तो रीवा शहर में एंट्री नहीं हो पाई है। यहां के प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। 1500 किलोमीटर के रास्ते में नहीं फंसे लेकिन अब मध्यप्रदेश और यूपी के बीच आखिरी जिले आकर फंस गए। व्यवस्था में सुधार होना चाहिए।
नासिक से आए यात्री बोले- न आते तो ठीक रहता
नासिक से आए यात्री महेश सिंदे ने बताया कि मैं 2 घंटे से जाम में फंसा हुआ हूं। इससे अच्छा तो हम ना आते तो ठीक था। दोपहर का वक्त है। साथ में महिलाएं भी हैं, लेकिन यहां कहीं पर पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है और ना ही जाम की वजह से हम गाड़ी छोड़कर नीच उतर पा रहे हैं। लगता है कि प्रयाग पहुंचने के पहले ही बीमार हो जाएंगे। जाम में तेज हॉर्न और शोर शराबे की वजह से मानसिक तनाव अलग से झेलना पड़ रहा है।
ट्रेन रद्द होने पर स्टेशन से भगाया
वीरेंद्र कुमार कोरी ने बताया कि आनंद विहार एक्सप्रेस से प्रयाग जाने वाले थे। अचानक ट्रेन रद्द कर दी गई। दो महिलाओं को लेकर बड़ी दूर से रेलवे स्टेशन पहुंचा हूं। सोचा था कि भीड़ आखिरी सप्ताह में भीड़ घटेगी तो कुंभ में डुबकी लगाने का मौका मिल जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है ट्रेन रद्द होने का अनाउंस होने के बाद हमें रेलवे स्टेशन से कुत्ते की तरह भगा दिया गया। यह भी नहीं सोचा गया कि हम कहां जाएंगे।
तीन घंटे से रेलवे ओवरब्रिज पर बैठे यात्री
कटनी से आए महेश साकेत ने कहा कि मैं सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर इस उम्मीद से रीवा पहुंचा था कि यहां महामृत्युंजय भगवान के दर्शन कर से आनंद बिहार एक्सप्रेस पकड़कर सीधा प्रयाग चला जाऊंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं इतना परेशान हूं कि अपनी परेशानी किसे सुनाऊं। कोई सुनने वाला नहीं है। तीन घंटे से लगातार धूप में रेलवे ओवरब्रिज पर बैठा हूं। कोई बस या साधन नहीं मिल रहा। कल रात से भूखे प्यासे भी हैं।
महिला बोली- न घर के रहें, न घाट के
सतना रामपुर बघेलान से आई यात्री अरुणा द्विवेदी ने बताया कि हमें गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। सोचा था कि प्रयाग कुंभ स्नान करने जाएंगे तो बहुत से पैसे खर्च हो जाएंगे, लेकिन फिर सबको देखकर हमने भी साहस जुटाया। रामपुर बघेलान से किसी कदर किराया खर्च कर रीवा तक तो पहुंच गए लेकिन रीवा पहुंचते ही रेलवे स्टेशन पर ही अनाउंस हो गया कि प्रयाग को जाने वाली ट्रेन रद्द हो गई है। अब स्थिति ऐसी हो गई है जैसे ना घर के न घाट के। मन में कुंभ को लेकर काफी उत्साह था। संगम नगरी में जाने को लेकर दो दिन पहले से ही योजना बना रखी थी, लेकिन अब 3 घंटे से रीवा की रेलवे ओवरब्रिज पर खड़े हैं।
डीआईजी बोले- वीकेंड की वजह से बड़ी श्रद्धालुओं की संख्या
डीआईजी साकेत पांडे का कहना है कि वीकेंड की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या एक बार फिर बढ़ गई है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। सड़कों पर तैनात पुलिस और प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं की हर तरह की चिंता कर रही है।