
मध्य प्रदेश में अधिवक्ता अधिनियम में किए गए संशोधन के विरोध में आज जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट सहित सभी जिलों की अदालतों में वकील काम नहीं करेंगे। हालांकि, अदालतें खुली रहेंगी, लेकिन वकीलों की गैरमौजूदगी के कारण पैरवी नहीं हो सकेगी।
इससे दूर-दराज से आने वाले लोगों को परेशानी होगी। अधिवक्ताओं ने इस संशोधन के खिलाफ एकजुट होकर “प्रतिवाद दिवस” मनाने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार और जिला बार एसोसिएशन की बैठक में यह तय किया गया कि शुक्रवार को कोई भी वकील अदालत में पेश नहीं होगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिनियम में किए गए बदलाव उनके हितों के खिलाफ हैं। अगर यह कानून लागू हुआ, तो वकीलों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता प्रभावित होगी।
एडवोकेट एक्ट वकीलों के अधिकारों के खिलाफ
एमपी स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन आर.के. सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट बिल-2025 सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में विरोध का सामना कर रहा है। यह वकीलों के अधिकारों के खिलाफ है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वकीलों का कहना है कि वे पहले भी सरकार से एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।