
जबलपुर में खाना न देने से नाराज पति ने अपनी पत्नी की फावड़ा मारकर हत्या कर दी और कई घंटों तक शव के पास ही बैठा रहा। इसके बाद उसने घर में ताला लगाया और 3 किलोमीटर दूर अपने बेटे के घर जाकर उसे बताया कि तुम्हारी मां की हत्या कर दी, लाश घर पर ही पड़ी है। जाकर देख लो।
पुलिस ने बेटे की शिकायत पर गुरुवार देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना गोरखपुर थाना के मांडवा बस्ती में बुधवार रात की है। यहां सुशील यादव (54) पत्नी रमा यादव (50) के साथ रहा करता था। वह मजदूरी का काम करता था। घर आकर पत्नी से खाना मांगा जब काफी देर तक जब उसने नहीं सुनी तो उससे धक्का देते हुए खाना मांगा। रमा नाराज होकर कमरे में गई तो फावड़ा लाकर उसके ऊपर ताबड़तोड़ हमले किए सिर, पीठ और सीने में गंभीर चोटें आईं।
बेटे से कहा- तुम्हारी मां को मार दिया
पत्नी को अधमरा छोड़कर आरोपी सुशील पहले तो दूसरे कमरे में जाकर सो गया। गुरुवार को जब दिन में वह रमा के पास गया और देखा कि वह अचेत अवस्था में पड़ी हुई है, यह देख उसे समझ आ गया पत्नी की मौत हो गई। दोपहर को घर में ताला लगाकर वह 3 किलोमीटर दूर अपने बेटे शुभम यादव के घर गया और उससे बोला कि मार दिया है, तुम्हारी मां को लाश घर पर पड़ी हुई है।
ये चाबी, घर पर ताला लगा हुआ है। पहले तो शुभम को अपने पिता की बात पर भरोसा नहीं हुआ। आनन-फानन में राजा मांडवा बस्ती पहुंचा और जैसे ही घर का दरवाजा खोला तो देखा कि मृत हालत में उसकी मां पड़ी हुई है। बेटे ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर पीएम के लिए भेज आरोपी पति की तलाश शुरू की।
30 साल पहले हुआ था विवाह
मजदूर सुशील यादव और रमा का 30 साल पहले विवाह हुआ था। मदन महल से विस्थापित होने के बाद वह दोनों सात मांडवा बस्ती में आकर रहने लगा था। दोनों के दो बेटे और एक बेटी थी। बड़े बेटे की बीमारी के कारण मौत हो गई थी जबकि बेटी की शादी हो गई। पति-पत्नी के बीच अक्सर लड़ाई होती थी, इसलिए छोटा बेटा शुभम यादव परिवार के साथ किराए का मकान लेकर आदर्श नगर में जाकर शिफ्ट हो गया।
गोरखपुर थाना प्रभारी नितिन कमल ने बताया कि
शुभम की शिकायत पर आरोपी को गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि अक्सर पत्नी से विवाद होता था, घटना वाले दिन भी जब उससे खाना परोसने का कहा तो बात को अनसुना कर दिया, जिसके चलते फावड़ा मारकर उसकी हत्या कर दी।
