
दमोह में आयोजित लोक अदालत ने एक बार फिर टूटे परिवार को जोड़ने में सफलता हासिल की है। प्रधान न्यायाधीश आनंद तिवारी के मार्गदर्शन में 8 मार्च को जिला न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन किया गया।
कुटुंब न्यायालय में दो साल से चल रहे एक वैवाहिक विवाद का निपटारा हुआ। मामला 2022 में शादी करने वाले अजय और बबिता का था। अजय एक फाइनेंस कंपनी में कटनी में काम करता था। कम वेतन और नौकरी की अस्थिरता के कारण वह पत्नी को अपने साथ नहीं रख पा रहा था।
बबिता चाहती थी कि वह पति के साथ रहे। लेकिन कम वेतन के कारण दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया। 2023 में बबिता ने अजय को छोड़कर अपने मायके में रहना शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर मामला न्यायालय पहुंच गया।
दो साल की कानूनी कार्यवाही के बाद, न्यायालय की समझाइश से दोनों पति-पत्नी साथ रहने को तैयार हो गए। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश आनंद तिवारी, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मो. अजहर, विशेष न्यायाधीश उदय सिंह मरावी और विधिक सेवा सचिव ज्ञानेंद्र शुक्ला ने दंपति को पौधे भेंट किए। साथ ही उन्हें सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया, चीफ लीगल डिफेंस काउंसिल मनीष नगाइच और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कमलेश भारद्वाज भी उपस्थित रहे।