
टीकमगढ़ के पपौरा जैन तीर्थ क्षेत्र में 24 मार्च से धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत की है। पंडित पवन कुमार दीवान सागर के मार्गदर्शन में सिद्ध चक्र महामंडल विधान हो रहा है। कार्यक्रम के तीसरे दिन बुधवार सुबह 7 बजे से अभिषेक और शांति धारा पूजन विधान शुरू हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
शाम 7.30 बजे होगी आरती, 8 बजे प्रवचन कार्यक्रम
दैनिक कार्यक्रम में शाम 7:30 बजे आरती होती है। इसके बाद रात 8 बजे पंडित पवन दीवान प्रवचन देते हैं। वे श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ के महत्व पर विस्तार से बताते हैं।
कार्यक्रम राजमहल रोड, टीकमगढ़ निवासी सनत जैन प्राचार्य सह परिवार की ओर से कराया जा रहा है। क्षेत्र के उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र जैन केशवगढ़ ने बताया कि यह महोत्सव 1 अप्रैल तक चलेगा।
पंडित बोले- पापों को हारने वाला है सिद्ध चक्र विधान
पंडित पवन दीवान ने बताया कि सिद्धचक्र विधान मंडल ऐसा अनुष्ठान है, जो हमारी जीवन के समस्त पाप-ताप और संताप को नष्ट कर देता है। सिद्ध शब्द का अर्थ है कृत्य, चक्र का अर्थ है समूह और मंडल का अर्थ एक प्रकार के वृताकार यंत्र से है। इनमें अनेक प्रकार के मंत्र और बीजाक्षरों की स्थापना की जाती है।
मंत्र शास्त्र के मुताबिक, इसमें अनेक प्रकार की दिव्य शक्तियां प्रकट हो जाती है। सिद्धचक्र महामंडल विधान समस्त सिद्ध समूह की आराधना है, जो हमारे समस्त मनोरथों को पूरा करती है।