
चैत नवरात्रि में भक्त अपने-अपने अंदाज में मां दुर्गा की साधना कर रहे हैं। एक ऐसा ही भक्त सागर के ग्राम चांदपुर में माता की अनूठी साधना कर रहा है। वह कीलों के झूले पर लेटकर शरीर पर जवारे लगाए हुए हैं। नौ दिनों तक कील लगे झूले पर लेटकर माता की आराधना करेगा। 10वें दिन जवारों का विसर्जन किया जाएगा। भक्त की इस अनूठी आराधना को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
दरअसल, सागर जिले के ग्राम सुना निवासी कमलेश कुर्मी उम्र 35 साल ने माता की साधना के लिए कठोर व्रत धारण किया है। वे चांदपुर निवासी अपने गुरुभाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा के घर पर कील लगे झूले पर लेटकर अपने शरीर पर जवारे लगाए हैं। साथ ही बाजू में विराजीं मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं। वे नवरात्रि के पहले दिन से ही कीले लगे झूले पर लेटे हैं।
20 दिन पहले त्याग दिया था अन्न
माता की कठोर तपस्या करने के लिए भक्त कमलेश कुर्मी पहले से तैयारी करते हैं। वह अपने हाथों से मां दुर्गा की मिट्टी की प्रतिमा बनाते हैं। साथ ही नवरात्रि से करीब 20 दिन पहले अन्न त्याग देते हैं। ताकि वह व्रत के लिए अभ्यास कर तैयार हो सकें। नवरात्रि शुरू होते ही उन्होंने माता की प्रतिमा की स्थापना कराई और प्रतिमा के बाजू में कील लगे झूले पर लेटकर शरीर पर जवारे स्थापित कराएं हैं।
दिन में सिर्फ दो चम्मच पानी पीते है
भक्त कमलेश के भाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि कमलेश पिछले चार सालों से माता की कठोर साधना कर रहे हैं। पिछले साल उन्होंने कुर्सी पर बैठकर शरीर पर जवारे लगाए थे। इस बार वे कील लगे झूले पर लेटकर शरीर पर जवारे लगाए हुए हैं।
नवरात्रि के नौ दिन तक वह एक ही आसन में कील लगे झूले पर लेटे रहेंगे। 10वें दिन जवारों के विसर्जन के साथ ही उनका व्रत पूरा होगा। कमलेश की भक्ति देखने के लिए दूर-दूर से लोग चांदपुर पहुंच रहे हैं। माता की प्रतिमा के सामने भजन गाए जा रहे हैं।
