
दमोह जिले के मड़ियादो बफर क्षेत्र में शिकारियों द्वारा क्रूरता से मादा सांभर का शिकार करने का मामला सामने आया है। शिकारियों ने देसी बम को आटे में लपेटकर रखा था, जिसे सांभर ने खाया तो वह ब्लास्ट हो गया और सांभर की मौत हो गई। यह घटना मंगलवार शाम की है, जिसकी गुरुवार सुबह वन विभाग को जानकारी लगी। अब वन विभाग की टीम ने शिकारियों की तलाश शुरू कर दी है। टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का भी प्रयास किया गया। इस दौरान अधीक्षक देवेंद्र अहिरवार, बफर क्षेत्र मड़ियादो परिक्षेत्र अधिकारी राम प्रसाद प्रजापति, बफर किशनगढ़ परिक्षेत्र अधिकारी प्रतीक अग्रवाल सहित डॉग स्क्वाड प्रभारी प्रीतम अहिरवार और वन विभाग का अमला मौजूद रहा।
जानकारी के अनुसार, शिकारियों द्वारा मड़ियादो बफर क्षेत्र की वर्धा बीट अंतर्गत आरएफ 65 में पानी के एक स्थान पर गेहूं के आटे में लपेटकर देसी बम रखा गया था। इसे खाने के बाद बम फट गया और सांभर का मुंह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मुंह के अंदर ब्लास्ट होने से मादा सांभर की दर्दनाक मौत हो गई। कयास लगाया जा रहा है कि विस्फोट के कारण उसके मुंह के मांस के चीथड़े उड़ गए और जलन होने लगी। असहनीय दर्द के कारण वह पानी के स्रोत तक पहुंची। इस घटना के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा सागर डॉग स्क्वाड की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। वहीं, मादा सांभर का दाह संस्कार किशनगढ़ कोर क्षेत्र में कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, एक युवक को हिरासत में लिया गया है।
वनकर्मियों की लापरवाही उजागर
इस गंभीर मामले में स्थानीय वनकर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। घटना के बाद, वनकर्मियों ने डॉग स्क्वाड के पहुंचने से पहले ही मादा सांभर के शव को जला दिया। हालांकि, मृत सांभर का पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद यह घटना जांच का विषय बन गई। मौके पर पहुंचे अधीक्षक केन घड़ियाल अभयारण्य देवेंद्र अहिरवार ने इस मामले में नोटिस जारी करने की बात कही है।
सफेद फॉस्फोरस के इस्तेमाल करने की आशंका
मड़ियादो परिक्षेत्र अधिकारी रामप्रसाद प्रजापति ने बताया कि जांच टीम को घटनास्थल पर सफेद फॉस्फोरस मिला है। शिकारियों ने फॉस्फोरस को पत्थर पर पीसकर महीन किया था। सांभर का शव पानी के स्रोत से 50 फीट दूर मिला, जबकि ब्लास्ट फॉस्फोरस पीसने वाले स्थान से दो मीटर दूर हुआ। जांच टीम ने सभी स्थानों से साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं और आरोपियों की तलाश जारी है।