
जबलपुर के हाथी ताल इलाके में मंगलवार दोपहर 12 साल का बच्चा खेल-खेल में 50 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गया, जहां मधुमक्खियों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। खुद को बचाने के लिए बच्चा टंकी के अंदर कूद गया, जहां पानी कम होने के कारण उसकी जान बच गई। फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों की मदद से एक घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को सुरक्षित निकाला गया।
खेल-खेल में तीन बच्चे चढ़े थे टंकी पर, मधुमक्खियों ने किया हमला
गुप्तेश्वर वार्ड के हाथी ताल इलाके में रहने वाले रेहान (12), प्रियांश (13) और रौनक (13) मंगलवार दोपहर पानी की टंकी पर चढ़े थे। यहां चार से पांच बड़े मधुमक्खियों के छत्ते थे। इसी दौरान रेहान का हाथ एक छत्ते से टकरा गया, जिससे हजारों मधुमक्खियां उड़कर तीनों बच्चों पर टूट पड़ीं। प्रियांश और रौनक किसी तरह भागकर नीचे आ गए, लेकिन रेहान ऊपर ही फंस गया। मधुमक्खियों ने उसे बुरी तरह घेर लिया। वह मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन कुछ ही देर में उसकी आवाज बंद हो गई। आसपास के लोगों ने तत्काल पार्षद संजय राठौर को सूचना दी, जिन्होंने तुरंत नगर निगम और फायर ब्रिगेड को बुलाया।
बच्चे को बचाने के लिए चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
रेहान की जान बचाने के लिए फायर ब्रिगेड और नगर निगम की टीम ने मिलकर बचाव अभियान शुरू किया। फायर कर्मी आकाश श्रीवास्तव और प्रकाश विभाग के शुभम रजक ने बच्चे के पिता मोहम्मद शरीफ के साथ टंकी पर चढ़ने का फैसला किया। इस दौरान उन्हें कंबल और मच्छरदानी दी गई, ताकि मधुमक्खियों से बचा जा सके। जब वे ऊपर पहुंचे, तो रेहान नजर नहीं आया। बाद में टैंक के ढक्कन पर नजर पड़ी, जिसे अंदर से बंद किया गया था। जब ढक्कन खोला गया, तो देखा कि रेहान पानी के अंदर छिपा हुआ था और उसके आसपास मधुमक्खियां मंडरा रही थीं।
ऐसे बचाई गई रेहान की जान
रेस्क्यू टीम ने टैंक के अंदर रस्सी डाली और एक कर्मी को नीचे उतारा। बच्चे को कंबल से ढककर सावधानी से बाहर निकाला गया। इस दौरान भी मधुमक्खियां उस पर चिपकी हुई थीं। तुरंत उसे एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके शरीर से मधुमक्खियों के डंक निकाले।
पानी की सप्लाई बंद कर खाली किया गया टैंक
बचाव कार्य के दौरान टंकी में तेजी से पानी भर रहा था। पार्षद पति ने जल विभाग को फोन कर सप्लाई बंद करवाई और टंकी को खाली कराया, जिससे बच्चे को डूबने से बचाया जा सका।
अब टंकी पर तैनात होगा चौकीदार
स्थानीय पार्षद पति संजय राठौर ने बताया कि टंकी की चार दीवारी होने के बावजूद बच्चे अंदर घुस जाते हैं और खेलते रहते हैं। अब टंकी की ऊंचाई बढ़ाकर यहां चौकीदार तैनात किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।
रेहान की हालत अब स्थिर
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के मुताबिक, रेहान की हालत खतरे से बाहर है। हालांकि, एक साथ हजारों मधुमक्खियों के काटने से उसके शरीर पर सूजन और कमजोरी आ गई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।
