
छतरपुर जिला अस्पताल में मंगलवार सुबह डॉक्टर अनुपस्थित मिले। सुबह 10:30 बजे तक ओपीडी में डॉक्टरों के न पहुंचने से मरीजों, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को जमीन पर बैठकर इंतजार करना पड़ा। जबकि, अस्पताल की ओपीडी का निर्धारित समय सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक है।
सटई निवासी चंद्रभान कुशवाहा और उमेश अग्रवाल ने बताया कि वह सुबह 9 बजे से अपने परिजनों के इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन डेढ़ घंटे बाद भी डॉक्टर नहीं आए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर जानबूझकर देर से आते हैं, ताकि मरीज उनके प्राइवेट क्लिनिक का रुख करें, जहां मनमानी फीस वसूली जाती है।
राज्य मंत्री के निरीक्षण में भी अनुपस्थित मिले थे
गौरतलब है कि, शुक्रवार को राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार के निरीक्षण में भी ओपीडी और अल्ट्रासाउंड कक्ष में डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए थे। यह निरीक्षण 17 अप्रैल की उस घटना के बाद किया गया था, जिसमें एक डॉक्टर ने 77 वर्षीय बुजुर्ग से मारपीट की थी। इस घटना के बाद कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निलंबित कर डॉक्टर राजेश मिश्रा को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। पुलिस ने डॉक्टर और कंपाउंडर के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया था।
सीएमएचओ बोले- व्यवस्था कर रहे
डॉक्टरों की अनुपस्थिति के मामले में सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों को ओपीडी में भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
