
दमोह जिले रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से लगे सिग्रामपुर में फलको मंदिर परिसर से बुधवार की रात चंदन का पेड़ चोरी हो गया है। चोर 15 वर्ष पुराने 8 फीट लंबे चंदन के पेड़ को काट ले गए। इस पेड़ की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। मंदिर परिसर में चोरी की यह दूसरी घटना है। वन माफिया पर विभाग अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इससे पहले भी 6 महीने पूर्व एक चंदन का पेड़ काटकर चोरी किया जा चुका है। मंदिर के महंत ने वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दे दी है।
चोरी किए गए चंदन के पेड़ की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है, क्योंकि मंदिर में करीब तीन से चार चंदन के पेड़ लगे हुए थे, जिनको एक-एक करके माफिया काटकर ले गए। अब मंदिर में चंदन के पेड़ खत्म हो गए हैं। मंदिर परिसर में दमोह जबलपुर नेशनल हाईवे से लगा हुआ है और सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग और प्रशासन को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
मंदिर के महंत जगदीश महाराज ने वन विभाग और राजस्व विभाग से मांग की है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और चोरी किए गए पेड़ की बरामदगी की जाए। उन्होंने कहा कि वन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। बड़ी मेहनत से मंदिर में चंदन के पेड़ लगाए गए थे। जिस पर चंदन माफिया की नजर इस तरह पड़ी की सारे के सारे पेड़ काटकर चोरी कर लिए गए हैं। चंदन के पेड़ों की चोरी के मामले का खुलासा करने में वन विभाग और पुलिस नाकाम साबित हुई है। हैरानी की बात तो यह है कि चंदन पेड़ माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि नेशनल हाईवे से लगे फलको नाला परिसर से चंदन के पेड़ों की चोरी तीसरी बार करने के बावजूद कोई सुराग नहीं लगा है। वहीं डीएफओ ईश्वर जरांडे का कहना है यदि इस प्रकार की घटना हुई है तो वन माफिया पर कार्रवाई की जाएगी।