
सिवनी जिले की केवलारी तहसील में बड़ा घोटाला सामने आया है। रमेश नाम के व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में 30 बार सांप के काटने से मृत दिखाया गया। उसके नाम पर फसल खराब होने का भी मुआवजा लिया गया। इस तरह 34 फर्जी केस बनाकर 1.20 करोड़ रु. निकाले गए।
राम को भी सर्पदंश से 19 बार मरा हुआ बताया गया। उसके नाम से 38 फर्जी केस बनाकर 81 लाख रुपए गबन किए गए। इसी तरह, 47 लोगों के नाम पर 11 करोड़ 34 लाख रुपए का घोटाला हुआ। यह जांच जबलपुर के वित्त और कोष विभाग ने की। जांच में पता चला कि इस मामले में मुख्य आरोपी सचिन दहायक(सहायक ग्रेड-3) है। उसके साथ 46 और लोगों के नाम सामने आए हैं।
इनमें 6 तहसीलदार और एक एसडीएम अमित सिंह भी दोषी पाए गए हैं। घोटाला साल 2019 से 2022 तक चला। इस दौरान तहसीलदार और एसडीएम की आईडी का गलत इस्तेमाल किया गया। बिल पास करने में जिला कोषालय के तीन अधिकारियों ने भी लापरवाही की।
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और बिना पुलिस रिपोर्ट के भी पैसे निकाले गए। अब तक सिर्फ सचिन दहायक की गिरफ्तारी हुई है। जांच अधिकारी संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल के मुताबिक जांच रिपोर्ट सिवनी कलेक्टर को भेजी गई है। आगे की कार्रवाई उनके द्वारा ही की जाना है।
रिकॉर्ड बदल-बदलकर बिल लगाए… और पास किए
जो व्यक्ति मर चुका था,उसके नाम पर जब पहली बार मृत्यु दावा का केस बना। उसी केस को दोबारा उसी नाम पर रिकॉर्ड बदलकर फिर बिल लगाए। खास बात यह है कि अधिकांश केस में जरूरी रिकॉर्ड जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र,पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट और पीएम रिपोर्ट तक दर्ज नहीं हुई। बावजूद इसके बिल पास किए गए।