
मध्य प्रदेश के बीना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के प्लाई उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई का मामला सामने आया है। मेरठ से आए दो व्यक्ति पिछले 10-15 दिनों से खिमलासा और आसपास के गांवों में सक्रिय हैं।
ये लोग भरछा, वीरमखेड़ी, खिमलासा, लहटवास, गिरहनी और मुहांसा जैसे सीमावर्ती गांवों में किसानों को प्रति पेड़ 3000 से 5000 रुपए का प्रलोभन दे रहे हैं। अब तक किसानों को करीब 10-15 लाख रुपए का एडवांस दिया जा चुका है। भरछा में कटे हुए पेड़ों का स्टॉक भी जमा किया गया है।
उत्तर प्रदेश में जलाऊ लकड़ी के परिवहन के लिए किसी परमिट की आवश्यकता नहीं है। इसी का फायदा उठाकर बबूल, सेमर और गुरार के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। वन विभाग की कार्रवाई के बाद कटाई रुकी है। हालांकि, पेड़ों की बुकिंग जारी है। दो दिन पहले मुहांसा में भी पेड़ों के लिए एडवांस दिया गया।
इस अवैध कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है। खुरई के प्रशासनिक और वन अधिकारी मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। एसडीएम खुरई मनोज चौरसिया ने कहा है कि मध्य प्रदेश के पेड़ों को उत्तर प्रदेश नहीं जाने दिया जाएगा और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।