
गुरुग्राम में वर्ष 2009 में हुई एक सनसनीखेज हत्या के मामले में 15 साल से फरार 5,000 रुपए के इनामी अपराधी दिनेश अहिरवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह लगातार अपना ठिकाना बदलकर रेवाड़ी, चंडीगढ़ और अन्य स्थानों पर राजमिस्त्री का काम करता रहा, जिससे वह लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बचता रहा।
घटना 31 मार्च 2009 की रात 10:30 बजे की है, जब शोभा नगर, बी.डी. कॉलोनी, दमोह (मध्य प्रदेश) निवासी दिनेश अहिरवार ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर पैसों के लेनदेन के विवाद में कुड़ई, थाना पटेरा, दमोह निवासी भगीरथ पर क्रूर हमला किया।
जिंदा जला दिया था
आरोपियों ने भगीरथ के साथ मारपीट की और उसके शरीर पर तारपीन का तेल डाला और माचिस से आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। घायल भगीरथ को गुरुग्राम के आर.एन. अस्पताल मानेसर में भर्ती कराया गया, जहां 11 मई 2009 को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में थाना मानेसर में मामला दर्ज किया गया था।
एसीपी क्राइम-2 ललित दलाल ने बताया कि पीओ स्टाफ की टीम ने इस मामले में सक्रियता दिखाई। पीओ स्टाफ प्रभारी उप-निरीक्षक दीपक कुमार की अगुवाई में गठित टीम ने 16 मई को दमोह, मध्य प्रदेश से दिनेश अहिरवार को गिरफ्तार किया। यह आरोपी 15 साल से फरार था और 5,000 रुपए का इनामी घोषित किया गया था।
एक अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने पहले ही एक अन्य फरार आरोपी सिद्ध लाल, निवासी बेल खेड़ी, जिला छतरपुर (मध्य प्रदेश) को 12 मई 2025 को गांव दुधवा, जिला चरखी दादरी से गिरफ्तार किया था। सिद्ध लाल भी 5,000 रुपए का इनामी अपराधी था और 15 साल से फरार चल रहा था।
आरोपी की चालाकी बेकार
पुलिस के अनुसार, दिनेश अहिरवार लगातार छिपता फिर रहा था। कभी चंडीगढ़ तो कभी मध्य प्रदेश चला जाता था। पुलिस की सतर्कता और लगातार प्रयासों के चलते उसे अंततः धर दबोचा गया।