
जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक नियुक्ति का बड़ा मामला सामने आया है। जांच के दौरान 40 शिक्षक ऐसे मिले हैं, जिन्होंने फर्जी अंकसूची के माध्यम से नौकरी प्राप्त की थी। इनमें से अधिकांश शिक्षक 20 से 25 साल से नौकरी कर रहे हैं। जो वेतन के रूप में करोड़ों रुपए प्राप्त कर चुके हैं। हालांकि अब प्रशासन ने 24 शिक्षकों पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों के मामले की शिकायत दो साल पहले की गई थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मामले को दबाए रखा। मामला हाइकोर्ट पहुंचा तो उसके निर्देश के बाद शिक्षा विभाग मामले में कार्रवाई कर रहा है। 10 शिक्षकों को बर्खास्त भी किया जा चुका है।
हालांकि अभी भी ऐसे अनेक मामले हैं, जिनकी जांच कार्रवाई एक से डेढ़ वर्ष से लंबित है। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षकों पर तो कार्रवाई कर दी गई, लेकिन फर्जी अंकसूची बनाने वाले रैकिटके संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
कलेक्टर बोले– सभी पर एफआईआर के निर्देश कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के मुताबिक अब तक कुल 40 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो जांच में हैं। इनमें से 24 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें ये तथ्य सामने आया है कि ये मार्कशीट फर्जी हैं। इसका मतलब है कि इन 24 प्रकरणों में जिन विश्वविद्यालयों से भी डिग्री ली गई थीं, वहां से जानकारी आ गई है कि सभी 24 डिग्री फर्जी है।
इन सभी के विरुद्ध एफआईआर के निर्देश दे दिए गए हैं। 11 प्रकरणों की जांच संयुक्त संचालक द्वारा की जा रही है। एक प्रकरण की जांच भोपाल में चल रही है। 40 में से 10 शिक्षकों को नौकरी से निकाला जा चुका है। ऐसे जो भी प्रकरण आएंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।