
दमोह जिले के हटा थाना क्षेत्र में 15 मई की रात एक शिक्षक को चार लाख रुपए लूटने के बाद जिंदा जलाने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस एक आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट को इटारसी से गिरफ्तार कर दमोह लाई है। जांच के दौरान पुलिस को मृतक शिक्षक के मोबाइल में भट्ट द्वारा किए गए कई संदेश मिले हैं। इन्हीं कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने आरोपी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 306 के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
भट्ट लंबे समय से दमोह में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर दबाव बना रहा था। उसने कई मामलों को हाईकोर्ट तक पहुंचाया था। कार्रवाई के दबाव में कई शिक्षकों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था। हालांकि, इस मामले में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भट्ट शिक्षक राजेश त्रिपाठी को किस बात को लेकर ब्लैकमेल कर रहा था- क्या उनके दस्तावेज फर्जी थे या वे किसी अन्य मामले में उलझे हुए थे। कहा जाता है कि आरटीआई कार्यकर्ता को जान का खतरा होने की आशंका थी, इसलिए वह कई वर्षों से इटारसी में रह रहा था।
बता दें, शिक्षक राजेश पिता आर.पी. त्रिपाठी (47), निवासी सुनवाहा, शासकीय स्कूल रूसंदो में प्राथमिक शिक्षक थे। 15 मई की रात वे हटा आए थे और वहां से करीब चार लाख रुपए लेकर अपने गांव सुनवाहा लौट रहे थे। मृतक के भाई मुकेश ने पुलिस को बताया था कि हारट और बरोदा के बीच नहर के पास अज्ञात लोगों ने उनकी बाइक रुकवा कर रुपए लूट लिए और मारपीट कर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। भाई ने ही फोन कर इस घटना की जानकारी दी थी।
पुलिस ने मृतक शिक्षक के भाई के बयान लिए और उनका मोबाइल भी जब्त किया था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया गया। पुलिस का मानना है कि भट्ट लंबे समय से शिक्षक को ब्लैकमेल कर परेशान कर रहा था, जिसकी वजह से शिक्षक ने कथित रूप से आत्महत्या की है। हालांकि अभी सब कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन बहुत जल्द इस मामले का खुलासा हो सकता है।