
रीवा में सड़क दुर्घटना में घायल महिला को दो युवतियों ने ऑटो से अस्पताल पहुंचाया। पहले तो समय पर एम्बुलेंस नहीं मिली और फिर अस्पताल में भी काफी देर तक इलाज मिला। इस पर दोनों ही युवतियों ने नाराजगी जाहिर की।
दरअसल घटना रविवार रात सास और दामाद बोदाबाग से चिरहुला कॉलोनी बाइक से जा रहे थे। तभी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मोड़ के पास अज्ञात बाइक की टक्कर से हादसे का शिकार हो गए। अज्ञात बाइक सवार ने एक बाइक को टक्कर मार दी। इसमें सास और दामाद घायल हो गए। महिला की स्थिति ज्यादा गंभीर नजर आई।
जिससे बाइक सवार प्रकाश शुक्ला का पैर टूट गया और महिला शशि अग्निहोत्री को काफी चोट आई। घटना के बाद आस पास कोई भी व्यक्ति मदद के लिए नहीं आया। युवतियों ने देखकर उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया। एम्बुलेंस नहीं आई तो दोनों ने घायलों को ऑटो से संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया और उनके परिजनों को सूचना दी।
अस्पताल के कामकाज पर सवाल
शिखा सिंह ने बताया कि हमने तो अपना फर्ज निभाया लेकिन अस्पताल की व्यवस्था बेहद खराब है। हम मरीज को लेकर पहुंचे और स्टाफ से बात करते रहे लेकिन कोई भी व्यक्ति मरीज को देखने तक नहीं आया। मैं और मेरी बहन तनु सिंह ने अपने घर में फोन किया। कुछ सोर्स लगाए। तब जाकर मरीज को कंपाउंडर देखने आए। यहां की व्यवस्था इतनी स्लो है कि किसी की भी जान जा सकती है। कोई भी सुनता ही नहीं है।
उधर पूरे मामले में संजय गांधी अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर यत्नेश त्रिपाठी का कहना है कि
हर मरीज को संवेदनशीलता से देखा जाता है। तत्काल इलाज की सुविधा इस अस्पताल में दी जा जाती है। बेहतर और त्वरित उपचार ही संजय गांधी अस्पताल की विशेषता है।
कलेक्टर के निर्देशन के बाद भी कार्रवाई नहीं
पिछले दिनों कलेक्टर ने सड़क दुर्घटना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। जहां इस बात पर जोर दिया गया कि घायल मरीज को सही समय पर अस्पताल पहुंचाया जाय। ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचकर घायल की जान बचाई जा सके।
कल शहर में हुई सड़क दुर्घटना के बाद जब किसी ने घायल की सहायता नहीं की तो दो युवतियां ही उसे अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन अस्पताल में काफी देर तक कोई भी स्टाफ या कर्मचारी घायल महिला को देखने तक नहीं आया।
