
सागर जिले के रहली कस्बे के खमरिया वार्ड में रहने वाले दर्जी जमना प्रसाद भदौरिया की तीनों बेटियां अब पुलिस की वर्दी में नजर आएंगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाली इन बहनों ने घर की तंगी को पीछे छोड़कर पांच साल तक लगातार मेहनत की और अब तीनों का चयन पुलिस आरक्षक के पद पर हो चुका है।
जमना प्रसाद सिलाई का काम करते हैं और उनकी पत्नी कुसुम गृहिणी हैं। सीमित आमदनी में तीन बेटियों की पढ़ाई कराना आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता ने कभी हार नहीं मानी। सबसे पहले बड़ी बेटी माया का चयन पांच साल पहले हुआ। इसके बाद तीन साल पहले छोटी बेटी मनीषा को नौकरी मिली। अब 5 जून को मंझली बेटी ज्योति की रायसेन जिले में पोस्टिंग हो गई है।
कोचिंग और महंगे संसाधनों का अभाव था, लेकिन तीनों बहनों ने एक-दूसरे को पढ़ाकर, आत्मविश्वास बढ़ाकर पढ़ाई की। वे दिन में घर के काम करती थीं और रात में पढ़ाई करतीं। किताबों को अपना दोस्त बनाया और बिना किसी विशेष मदद के शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी की।
माता-पिता के भरोसे ने हौसला दिया’
छोटी बहन मनीषा ने बताया कि “हम तीनों आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसका श्रेय हमारे माता-पिता और शिक्षक सलामत सर को जाता है। उन्होंने हम पर भरोसा किया, हमें पढ़ने की पूरी आजादी दी। आर्थिक परेशानी के बावजूद कभी पढ़ाई नहीं छुड़वाई। यही भरोसा हमारी सबसे बड़ी ताकत बना।”
पिता बोले- हमारा सपना पूरा हो गया
जमना प्रसाद ने बताया कि उनकी तीनों बेटियों के पुलिस बल में चयन होने की खबर से परिवार के साथ पूरा गांव खुश है। जब मेरी तीनों बेटियों का सिलेक्शन हुआ तो जैसे हमारा सपना पूरा हो गया। आज गांव में हर कोई हमारे परिवार की मिसाल देता है।