
छतरपुर जिले की नौगांव तहसील के मऊ सहनिया गांव में गुरुवार शाम विवाद खड़ा हो गया। जगतसागर तालाब के पास स्थित मंदिर परिसर में सिंचाई विभाग ने जेसीबी चलवाकर करीब 400 पेड़ उखाड़ दिए। यह कार्रवाई बिना पूर्व सूचना के की गई, जिससे पुजारी, ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि नाराज हैं।
बिहारी जू मंदिर के पुजारी अरविंद कुमार दीक्षित ने बताया कि वर्षों पहले उनके पिता ने इस स्थान पर पूजा-अर्चना शुरू की थी। वे खुद भी लंबे समय से सेवा में लगे हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में खुद अपने हाथों से फलदार पौधे लगाए थे जो अब पेड़ बन चुके थे।
उनका आरोप है कि सिंचाई विभाग की प्रभारी एसडीओ लता वर्मा ने निजी दुश्मनी के चलते बिना कोई नोटिस दिए बगीचे को जेसीबी से नष्ट करा दिया।
पुजारी ने 40 साल पहले पेड़ लगाए थे
ग्राम पंचायत मऊ सहनिया के सरपंच प्रतिनिधि अप्पू राजा सोनी ने बताया कि यह 5 एकड़ शासकीय भूमि है, जिसमें मंदिर और एक प्राचीन कुआं है। पुजारी ने लगभग 40 साल पहले इस जगह को तारबंदी कर फलदार पेड़ लगाए थे, जिनमें आम, जामुन और अन्य प्रजातियां शामिल थीं।
सरपंच प्रतिनिधि अप्पू राजा ने कहा कि सरकार पर्यावरण बचाने की बात करती है, लेकिन अधिकारी पेड़ नष्ट कर रहे हैं। यह दोहरा रवैया अब बर्दाश्त नहीं होगा। हम इस अन्याय के खिलाफ जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे।
कलेक्टर ने हाल ही में फूड फॉरेस्ट की घोषणा की थी
मामले में विरोध इस वजह से भी गहरा गया है क्योंकि कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने हाल ही में जिले में जामुन और आम के पौधे लगाकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया था। साथ ही 300 फूड फॉरेस्ट विकसित करने की योजना भी घोषित की थी।
एसडीओ बोलीं- विरोध करने वालों पर होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब सिंचाई विभाग की प्रभारी एसडीओ लता वर्मा से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जिन लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।