
रीवा में 15 साल के किशोरी का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। परिवार के लोगों ने लोन कंपनी की धमकियों से परेशान होकर सुसाइड करने का आरोप लगाया। कहा कि लोन कंपनी के लोग रुपए मांगने घर आए, परिवार ने पैसे वापस करने समय भी मांगा। इसके बाद भी कंपनी ने उनकी नहीं सुनी, बल्कि घर का सामान उठा ले जाने की बात तक कही।
जिसके बाद डरकर बच्ची ने सुसाइड कर लिया। मासूम की मौत के बाद उन्होंने इसकी थाने में शिकायत की है। परिवार के लोगों ने आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। स्थानीय लोगों ने भी एक्शन लेने की बात की।
इस मामले किशोरी की मौत 17 जून को हुई थी। परिजनों ने 19 को निजी कंपनी पर कार्यवाही के लिए शिकायती आवेदन दिया। आज थाने पहुंचकर पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की।
दो जगहों से लिया था लोन
श्याम लाल कोल ने बताया कि मैं कररिया थाना सिरमौर का निवासी हूं। मेरे बेटे ने एक प्राइवेट कम्पनी से 60,000 रुपए छः महीने पहले और दूसरी से 50,000 रुपए चार महीने पहले लोन लिया था।
आरोप- कंपनी कर्मचारियों ने धमकाया
पहली कंपनी का एजेंट 17 जून को लगभग 10 बजे सुबह मेरे घर आया। उक्त समय मैं घर में खाना खा रहा था। तो उन्होंने मेरी नातिन अंकिता कोल को धमकाया। उसने मेरी 15 वर्षीय नातिन से कहा कि अगर आज किस्त नहीं दी तो मैं तुम्हारे घर में रखी मोटरसाइकिल और अन्य समान घर से उठा ले जाऊंगा। इसके साथ ही देख लेने की धमकियां भी दीं।
कुछ समय बाद दूसरी कंपनी का एक अन्य एजेंट आया और बोला कि लोन का पैसा आज मिल जाना चाहिए, नहीं तो तुम्हारे पापा और तुम्हारे पूरे परिवार को जेल भिजवा दूंगा।
कहा- डरकर फांसी लगाई
मेरी नातिन मानसिक रूप से प्रताड़ित हुई और सहमी रह गई कि मेरे पापा, मेरे बाबा और मेरे परिवार के सभी लोगों को पुलिस ले जाएगी। उसने यह भी सोचा कि मेरे घर में रखा पूरा समान कम्पनी के द्वारा उठा लिया जाएगा तो आखिरकार हम कहां रहेंगे और क्या करेंगे।
इसी बात को उसने अपने दिमाग में बैठा लिया और डर की वजह से कमरे के अंदर जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कार्रवाई की मांग कर रहा परिवार
बताया कि घटना की वजह से दो दिन तो हम सदमे में रहे। घटना वाले दिन भी पुलिस पहुंची थी। थाने वालों ने कहा कि लिखित शिकायत करोगे। तभी कार्यवाही होगी। इसलिए हमने 19 जून की रात पूरे मामले की लिखित शिकायत थाने में दर्ज कराई है और एक बार फिर शुक्रवार को थाने पहुंचकर मामले में कार्यवाही की मांग रहे हैं।
स्थानीय निवासी बोले कार्रवाई हो
स्थानीय निवासी विष्णु कांत कुशवाहा ने कहा कि पहले तो भोले-भाले मासूमों और ग्रामीणों को प्रलोभन देकर इस लोन के दलदल में फंसाया जाता है। फिर उन पर पर अनावश्यक मानसिक दबाव डालकर आत्महत्या के लिए मजबूर किया जाता है। अगर जल्द इन पर शिकंजा न कसते हुए वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई तो आगे इस तरह की और घटनाएं न हो इसलिए कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
एसडीओपी उमेश प्रजापति ने बताया कि
15 साल की किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। परिजनों ने थाने में शिकायती आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है। निजी कंपनी के एजेंटों पर पैसे के लिए मानसिक प्रताड़ना और धमकाने का आरोप लगाया है।