
जबलपुर में एक निजी बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ने एक व्यापारी को अधिक ब्याज दिलवाने का झांसा देते हुए लाखों रुपए का चूना लगा दिया। परेशान व्यापारी कई दिनों तक बैंक के चक्कर काटा, पर जब रुपए वापस नहीं मिले तो परेशान होकर वह गोरखपुर थाने पहुंचा और बैंक अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। दस्तावेजों और व्यापारी के बयान के बाद पुलिस ने बैंक अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अधिक ब्याज दिलाने के नाम पर लिए थे 55 लाख
असिस्टेंट बैंक मैनेजर ने निवेश और फिर अधिक ब्याज दिलवाने के नाम पर व्यापारी से 55 लाख रुपए लिए थे। पुलिस अभी बैंक अधिकारी अंकित कुमार पटेल के तलाश में जुटी हुई है। उसके खिलाफ गोरखपुर थाना में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी फरार है।
दरअसल कटंगा निवासी विनोद कुमार सविता (51) विनोद एंड एसोसिएट और पोरस ग्रुप फार्मलैण्ड फर्म के संचालक है। उनकी दोनों फर्म का एक्सिस बैंक की कटंगा शाखा में खाता है। लेन-देन को लेकर विनोद का बैंक में आना-जाना रहता है। इसी दौरान बैंक में सहायक प्रबंधक अंकित कुमार पटेल उनके कामों में मदद करने लगा। धीरे-धीरे उनकी पहचान बढ़ गई।
विनोद कुमार ने पुलिस को बताया कि सहायक प्रबंधक बैंक से संबंधित कई बातें भी साझा करने लगा। एक दिन बातों-बातों में उसने विनोद को बताया कि बैंक में कई खाते एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति) हो रहे है। जिससे बैंक की साख प्रभावित होगी। यदि वह ऐसे खातों में कुछ राशि निवेश कर उन्हें एनपीए होने से बचाता है तो बैंक की ओर से कई अतिरिक्त सुविधाएं एवं लाभ दिया जाएगा। जमा की गई राशि को बैंक एक परसेंट अधिक ब्याज के साथ वापस करेगा।
मैनेजर की बातों से झांसे में आ गए व्यापारी
व्यापारी विनोद बैंक मैनेजर के झांसे में आ गए। ज्यादा ब्याज के लालच में पड़कर सहायक प्रबंधक के बताए खातों में उन्होंने लगभग 55 लाख रुपए जमा कर दिया। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने एनपीए के नाम पर रुपए जमा कराया और संबंधित खाते में खाताधारक की ओर से जमा करने भेजी गई राशि को अपने पास रखकर फर्जीवाड़ा किया।
सहायक प्रबंधक अंकित कुमार ने विनोद को वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर जमा की गई राशि को वापस करने का बोला था। अप्रैल माह में जब विनोद ने उसे फोन किया तो भुगतान प्रक्रिया में होना बताया। कुछ समय बाद दोबारा फोन करने पर उसने स्वास्थ्य खराब होना बताया। ठीक होते ही उसके रुपए वापसी करवाने की बात कही। फिर कुछ समय बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। थोड़े ही दिन बाद उसका फोन बंद बताने लगा। तब विनोद ने पुलिस के पास पहुंचकर धोखाधड़ी की शिकायत कि।
चार महीने तक अलग अलग खातों में रुपए डलवाए
विनोद का कहना है कि अंकित के कहने पर उसने दिसंबर, 2024 से मार्च 2025 के बीच अलग-अलग खाते में रुपए भेजे। फर्म विनोद एंड एसोसिएट से 27 लाख 81 हजार रुपए और पोरस ग्रुप फार्मलैण्ड के खाता से 27 लाख 31 हजार 800 रुपए भेजे गए। यह पैसे देवेश, पिंकी मिश्रा, अनिल लाल एंड कम्पनी स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड, अमित कुमार सोनी, पिंकी मेहरा, अमित कुमार सोनी, हर्षिता राय, पूनम सोनी सहित कुछ अन्य व्यक्तियों के खाते में भेजी गई है।