
दमोह में तेंदूखेड़ा और जबेरा में खाद को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद अब खाद का वितरण शुरू हो गया है। हर किसान को दो बोरी खाद दी जा रही है। जिला प्रशासन ने बेहतर वितरण के लिए व्यवस्था की है, जिसके तहत एक बही पर दो बोरी खाद और एक टोकन दिया जा रहा है।
सबसे अधिक खाद की मांग तेंदूखेड़ा क्षेत्र से थी, जहां जिले में सबसे अधिक रकबे में हाईब्रीड मक्का की बुवाई की गई है। तेंदूखेड़ा में गुरुवार सुबह से ही सैकड़ों किसान खाद लेने पहुंचे। इन्हें पहले से ही टोकन दिए गए थे। स्थानीय प्रशासन द्वारा किसानों को लाइन में लगाकर खाद वितरित की जा रही है।
केवल टोकन धारक किसानों को ही मंडी परिसर में प्रवेश
तेंदूखेड़ा एसडीएम सौरव गंधर्व ने बताया कि केवल टोकन धारक किसानों को ही मंडी परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है। गुरुवार को 800 किसानों को 1600 बोरी और शुक्रवार को भी 800 किसानों को 1600 बोरी खाद दी जाएगी। इससे क्षेत्र में किसानों के पास पर्याप्त खाद पहुंच जाएगी और कोई समस्या नहीं होगी।
सबसे अधिक मांग तेंदूखेड़ा में
कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि पूरे जिले में खाद का वितरण हो रहा है, लेकिन सबसे अधिक मांग तेंदूखेड़ा क्षेत्र में है। उन्होंने बताया कि पिछले साल दमोह जिले में 17,000 हेक्टेयर में हाईब्रीड मक्का की बुवाई हुई थी, जबकि इस साल यह बढ़कर 35,000 हेक्टेयर हो गई है। इसलिए खाद की मांग अधिक है।
अफसरों के अनुसार इस कारण बढ़ रही खाद की मांग
कलेक्टर ने दूसरा कारण यह बताया कि तेंदूखेड़ा क्षेत्र में कई लोग सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, जितनी खाद की आवश्यकता होती है, उस मांग के आधार पर खाद उपलब्ध थी, लेकिन अतिक्रमित जमीन पर की गई खेती के लिए भी किसानों को खाद चाहिए थी, जिससे मांग बढ़ गई।
