
रक्षाबंधन पर मां के साथ नाना-नानी के घर आए दो मासूमों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। हादसा रविवार शाम उस समय हुआ जब दोनों भाई (मौसी के लड़के) गांव के लड़कों के साथ खेलते-खेलते तालाब के पास पहुंच गए और फिर नहाने लगे। इसी बीच गहरे पानी में जाने से डूब गए। ग्रामीणों ने देर शाम दोनों बच्चों के शव निकाल लिए। सोमवार को पोस्ट मार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
घटना जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर ग्राम सरोली की है। डूबने वाले दोनों बच्चे सगी बहनों की औलाद थे। इन दोनों बच्चों के डूबते ही साथ गए गांव के अन्य बच्चे वापस गांव लौटे और लोगों को घटना की जानकारी दी। तुरंत ही गांव के तैराकों ने बच्चों को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए पर सफल नहीं हुए। इस बीच मझगवां थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा बनवाया और पोस्ट मार्टम के लिए सिहोरा अस्पताल पहुंचाया।
संध्या और उसकी बहन रानू रक्षाबंधन पर अपने पिता कालू कोल के गांव सरोली आई थीं। उनके साथ बच्चे क्रमश: देव कोल 6 वर्ष और आशिक कोल 8 वर्ष भी आए थे। दोनों बहनों को रविवार शाम को ही अपने-अपने घर (ससुराल) लौटना था। तभी देव और आशिक गांव के अन्य बच्चों के साथ तालाब पर चले गए और यह हादसा हो गया।
रक्षाबंधन पर दोनों बेटियों के आने से कालू कोल के घर में खुशी का माहौल था। दोनों बेटी एक साल बाद घर आई थीं। रक्षाबंधन में देव और आशिक के हाथों में बहनों ने राखी बांधी थीं। कुछ घंटे पहले तक जहां परिवार में खुशियां थीं, वही अब मातम पसरा था। परिवार वालों को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनके दो मासूम बच्चे इस दुनिया में अब नहीं हैं। देव कोल दो भाईयों में छोटा था, तो आशिक तीन भाईयों में सबसे बड़ा था।
अस्पताल में नहीं था डॉक्टर, नर्स ने किया चेक
बच्चों के मौत की जानकारी लगते ही उनके पिता विजय कोल और मदन कोल भी देर रात को ग्राम तिलमन से मझगवां पहुंच गए थे। परिजनों का कहना है कि तालाब से निकालने के बाद फौरन उन्हें गांव के अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे, जहां डॉक्टर नहीं था। नर्स ने ही बच्चों का परीक्षण किया और उन्हें मृत घोषित कर दिया।
