
सागर शहर में एक महिला का गहनों और नकदी से भरा बैग ई-रिक्शा में छूट गया, इसके बाद गोपालगंज पुलिस की सक्रियता से बैग सुरक्षित वापस मिला। राहतगढ़ बस स्टैंड से नाव मंदिर गोपालगंज जा रही महिला का बैग सफर के दौरान रिक्शा में छूट गया था। रिक्शा सवारियां छोड़कर चला गया था और महिला को बैग का तब तक पता नहीं चला।
जब बैग नहीं मिला, तो महिला गोपालगंज थाने पहुंची और पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। फुटेज के आधार पर ई-रिक्शा की पहचान की गई और जब पुलिस उस रिक्शा चालक के घर पहुंची, तो रिक्शा में बैग जस का तस रखा मिला। बैग में नकदी, गहने और अन्य सामान सुरक्षित था, जिसे थाने लाकर महिला को सौंप दिया गया।
90 हजार नकद, सोने के गहने और मोबाइल था
पुलिस के अनुसार, कुंतीबाई लोधी निवासी शाहगढ़ अपने पति के साथ गोपालगंज थाने पहुंचीं। उन्होंने थाना प्रभारी राजेन्द्र सिंह कुशवाह को बताया कि राहतगढ़ बस स्टैंड से नाव मंदिर गोपालगंज आने के दौरान उनका काले रंग का बैग ई-रिक्शा में छूट गया है। बैग में करीब 90 हजार रुपए नकद, सोने के दो कान के फूल, तीन जोड़ी पायल, एक मोबाइल फोन और चाबियों का गुच्छा रखा हुआ था।
थाना प्रभारी ने महिला को कंट्रोल रूम भेजा, जहां सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए। महिला के बताए अनुसार स्थानों के फुटेज जांचे गए, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि बैग ई-रिक्शा में ही छूटा है। इसके आधार पर रिक्शा की पहचान कर ली गई।
रिक्शा चालक को नहीं थी बैग की जानकारी
पुलिस आरक्षक दशरथ मालवीय और नेकराम कौशल को ई-रिक्शा चालक के पते पर भेजा गया। वहां चालक राजू पटेल घर पर मिला। जब पुलिस ने उससे बैग के संबंध में पूछा, तो उसने कहा कि उसे बैग की कोई जानकारी नहीं है।
ई-रिक्शा की तलाशी ली गई, तो बैग उसी में जस का तस रखा हुआ मिला। पुलिस बैग को लेकर गोपालगंज थाने पहुंची और उसे महिला के सुपुर्द कर दिया। महिला ने बैग खोलकर देखा तो उसमें नकदी, गहने और बाकी सामान पूरी तरह सुरक्षित था।
बेटी के इलाज के लिए लाई थी नकदी
कुंतीबाई ने बताया कि उनकी बेटी अस्पताल में भर्ती है और उसके इलाज के लिए वे नकद रुपए और गहने लेकर आई थीं। बैग खो जाने के बाद वे बेहद परेशान थीं, लेकिन पुलिस की तत्परता और ईमानदारी से उन्हें राहत मिली। महिला ने गोपालगंज पुलिस का आभार व्यक्त किया।