
पीपल पीस फाउंडेशन ने आज जबलपुर घंटाघर में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का विरोध किया जिसमें आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया गया है। इस विरोध प्रदर्शन में फाउंडेशन के सदस्यों ने मौन रहकर घंटाघर पर अपनी बात रखी और ज्ञापन सौंपा।
फाउंडेशन के सदस्यों ने इस फैसले को आवारा कुत्तों के प्राकृतिक जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन बताया। उनका कहना था कि इन जानवरों को सीमित और बंद जगह पर रखना उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन बेजुबान जानवरों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, और उन्हें पिंजरों में बंद करना इस कर्तव्य के विपरीत है।
पीपल पीस फाउंडेशन का यह विरोध प्रदर्शन इस बात पर जोर देता है कि जानवरों के अधिकारों को भी उतनी ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए जितना कि इंसानों के अधिकारों को। उनका मानना है कि इन जानवरों को उनकी प्राकृतिक जगह पर ही रहने देना चाहिए और उनके लिए बेहतर वातावरण बनाने पर काम करना चाहिए, न कि उन्हें बंद करके रखना।
फाउंडेशन की एक सदस्य, आरती, ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि जानवरों को शेल्टर होम में इसलिए रखा जाता है क्योंकि वे वोट नहीं देते। उन्होंने सरकार की राशन योजनाओं पर भी सवाल उठाया और कहा कि जो राशन लोगों को आलसी बना रहा है, उसे इन बेजुबान जानवरों को देना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें नायब तहसीलदार राजा राम कोल को ज्ञापन के रूप में सौंपी। नायब तहसीलदार ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन स्वीकार कर लिया गया है और इसे जल्द से जल्द प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति तक पहुंचाया जाएगा।
