
सिरमौर में दस साल से खुले में सड़ रहे हजारों क्विंटल अनाज का मामला सामने आया है। इस गंदगी से हैजा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इसे गबन का मामला बताया है और जिला प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं।
मामला उमरी गांव का है। यहां किसान समृद्धि केंद्र और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (MARKFED) के बगल में 2014 से अनाज सड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस सड़े हुए अनाज से चार-पांच किलोमीटर का इलाका प्रभावित है।
लोगों की शिकायत
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गंदगी से हैजा जैसी बीमारियां फैल रही हैं। इंसान और जानवर दोनों बीमार हो रहे हैं।
विधायक प्रतिनिधि भी अनजान
गांव के बीजेपी विधायक प्रतिनिधि रविराज विश्वकर्मा ने कहा, “मुझे यह बात मीडिया से पता चली। अधिकारियों की घोर लापरवाही है। कलेक्टर से तुरंत हटाने की मांग करता हूं।”
यह स्टॉक 2019 में ही हटाया जाना था- कलेक्टर
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि यह स्टॉक 2019 में ही हटाया जाना था। उन्होंने कहा, “यह एक गबन का मामला है। मार्कफेड में इसकी जांच चल रही है। मैंने तुरंत मार्कफेड को इस सड़े हुए अनाज का डिस्पोजल करने का आदेश दिया है।” कलेक्टर ने कहा कि लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की जाएगी और जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।
