
पन्ना जिले में मानवता और तत्परता का अद्भुत मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती को समय पर एंबुलेंस नहीं मिली, लेकिन बस ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से उसकी और नवजात बच्ची की जान बच गई।
दरअसल, अमानगंज की रहने वाली निशा कुशवाहा को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज से जिला अस्पताल पन्ना रेफर किया गया। परिजनों ने कई बार 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। मजबूरी में परिजन उसे भोपाल से पन्ना लौट रही एक बस में लेकर आ रहे थे।
ड्राइवर और कंडक्टर बने फरिश्ते
बस में प्रसव पीड़ा बढ़ने पर महिला दर्द से कराहने लगी। यह देख बस के ड्राइवर सिद्दीक राइन और कंडक्टर आशीष पाल ने तुरंत महिला को एक खाली सीट पर लिटाया। स्थिति गंभीर होने पर दोनों ने फैसला किया कि जल्द से जल्द बस को पन्ना के जिला अस्पताल पहुंचाया जाए।
उन्होंने पूरी रफ्तार से बस चलाई और समय रहते अस्पताल के गेट तक पहुंच गए। उन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद दो दाई मौके पर पहुंची और बस में ही महिला का सफल प्रसव कराया।

