
रीवा में पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पुलिस के पास पहुंचे छात्र संगठन कार्यकर्ता और पदाधिकारी भाग निकले। पूरा मामला गुरुवार शाम का है। रीवा में पिछले कुछ दिनों से अवैध नशीली सिरप की बिक्री और खुलेआम हो रही तस्करी पर बहस छिड़ी हुई है।
बैक टू बैक ऐसे कई वीडियो भी सामने आए जहां शहर के बीचों बीच एसपी कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर ही कोरेक्स की बिक्री खुलेआम होती नजर आई। अब इस विषय को लेकर विपक्ष और लोग पुलिस और सरकार पर हमलावर है।
सोशल मीडिया में भी लोग लगातार रीवा में अवैध नशीली सिरप की बिक्री को लेकर शासन प्रशासन को घूरते हुए नजर आते हैं। इन्हीं सब विषयों पर पुलिस का ध्यान आकर्षित करने के लिए छात्र संगठन अनोखे तरीके से विरोध करने एसपी कार्यालय पहुंचा था।
संगठन का तर्क- नशे की चपेट में आ रहे छात्र
छात्र संगठन का तर्क है कि कॉलेज में पढ़ने वाले युवा और छात्र अब मेडिकल नशे की चपेट में आ रहे हैं। जहां अनोखे तरीके से प्रदर्शन करते हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ता बड़े-बड़े प्लास्टिक बैग में सैकड़ों नशीली सिरप की खाली शीशियां भरकर जब एसपी कार्यालय पहुंचे तो उसे देखकर पुलिस वालों की आंखें भी दंग रह गई।
हालांकि शुरू में पुलिस ने छात्र संगठन के पदाधिकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन छात्र संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस बात पर अड़े रहे कि अब हम सबूत लेकर आए हैं। जिसे हम वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपना चाहते हैं।
पुलिस हर बार कोरेक्स बिक्री से इनकार करती है तो आखिर शहर की सड़कों गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर इतनी नशीली सिरप शीशियां कहां से पटी पड़ी हैं।
प्रदेश सचिव बोला- पुलिस ने अंधाधुंध लाठियां मारीं
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रवि सुमित सिंह ने बताया कि इतना संवाद चल ही रहा था कि पुलिस ने कुछ देखा ना कुछ सुना हम सभी छात्र शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते थे। लेकिन पुलिस तो जैसे सच्चाई को झुठला देना चाहती थी।
उन्होंने आते ही पुलिस कर्मियों को लाठीचार्ज के निर्देश दे दिए। हम सभी छात्रों ने उनसे विनम्रता पूर्वक तरीके से निवेदन करने की कोशिश की। जिस पर उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। हमारे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी पर अंधाधुंध लाठियां चलवाई।
छात्र संगठन इन धमकी और लाठीचार्ज से डरने वाला नहीं है। अगर हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की गई तो हम आगे चलकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
