
रीवा जिले में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का अवैध रूप से विक्रय करने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई प्रशासन के निर्देश पर की गई है। आरोपी इसताक मोहम्मद लंबे समय से मनगवां नगर परिषद क्षेत्र में यह मछली बेच रहा था। मामले में अब पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
प्रशासन और मत्स्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई
कलेक्टर डॉ. प्रतिभा पाल ने बताया कि अवैध रूप से प्रतिबंधित मछली के विक्रय की सूचना मिलने पर मनगवां नगर परिषद क्षेत्र के बाईपास स्थित मछली विक्रेता इसताक मोहम्मद की दुकान और चिकन शॉप पर छापेमारी की गई।
यह कार्रवाई मत्स्य पालन विभाग और मुख्य नगर परिषद अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा की गई। इस दौरान दुकान से लगभग 130 किलोग्राम थाई मांगुर मछली जब्त की गई, जिसे नगर परिषद के सहयोग से मौके पर ही विनष्ट किया गया।
स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी दोनों के लिए घातक है थाई मांगुर
उप संचालक मत्स्य पालन अंजना सिंह ने बताया कि थाई मांगुर मछली पर प्रतिबंध का मुख्य कारण यह है कि यह न केवल जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत हानिकारक है। इसमें 80% तक लेड और आयरन पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर, डायबिटीज, चर्म रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
तेजी से बढ़ती है संख्या, अन्य मछलियों को खा जाती है
मत्स्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह मछली बहुत तेज़ी से बढ़ती है। एक उंगली के आकार की मांगुर मछली तीन महीने में ही आधा किलो तक की हो जाती है, जबकि सामान्य मछलियों को इतना वजन पाने में 6 से 8 महीने लगते हैं। इसकी आक्रामक प्रवृत्ति के चलते यह तालाबों और नदियों में दूसरी मछलियों को खा जाती है और पूरी पारिस्थितिकी को असंतुलित कर देती है।
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि यदि अन्य जगहों पर थाई मांगुर मछली की बिक्री की सूचना मिलती है तो वहां भी इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने मछली व्यापारियों को चेतावनी दी है कि वे प्रतिबंधित प्रजाति की मछलियों से दूर रहें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।