
रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने पहली बार मुकुंदपुर और आसपास के गांवों के रीवा में परिसीमन को लेकर अपनी राय रखी है। सांसद का कहना है कि मुकुंदपुर रीवा से बेहद नजदीक है और वहां के लोग पढ़ाई, इलाज, बाजार सहित सभी जरूरी कामों के लिए रीवा आते हैं। इसलिए स्थानीय लोग मुकुंदपुर को रीवा जिला में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
मुकुंदपुर समेत छह गांवों (आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, परसिया और पपरा सहित) को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव सामने आने के बाद सतना सांसद, मैहर और अमरपाटन के विधायकों, पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी समेत कई नेताओं ने विरोध जताया। सतना सांसद ने इसे क्षेत्र की अखंडता से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और इसे साजिश बताया। मैहर पूर्व विधायक ने पुनर्गठन आयोग की प्रक्रिया और रीवा के जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाए।
मुकुंदपुर के लोगों ने रीवा में शामिल होने की इच्छा जताई
रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा- “मुकुंदपुर की भौगोलिक स्थिति रीवा से जुड़ी है। वहां के स्थानीय लोग लगातार कह रहे हैं कि हमें रीवा में शामिल किया जाए, जिससे क्षेत्र का विकास संभव हो। मुकुंदपुर के लोगों की जीवनचर्या रीवा से ही जुड़ी है।” सांसद ने विरोध को पूरी तरह गलत बताया और पुनर्गठन आयोग की प्रक्रिया बताया।
परिसीमन आयोग के सामने राय मांगी गई
सरकारी आयोग ने मैहर कलेक्टर और रीवा कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। मुकुंदपुर ग्रामसभा ने रीवा में शामिल न किए जाने का प्रथम दृष्टया प्रस्ताव पहले ही पास किया था, जबकि कुछ नागरिक रीवा में शामिल होना चाहते हैं। व्हाइट टाइगर सफारी के मामले में भी इन छह पंचायतों को रीवा में शामिल करने की मांग उठी।