
सागर-बीना रेल लाइन पर स्थित श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर के नीचे सागर-खुरई मार्ग पर बना रेलवे फाटक 11 दिन के लिए बंद किया गया है। ऐसे में सागर-खुरई मार्ग वाहन फाटक के पास बनी पुलिया से होकर गुजर रहे हैं।
रास्ता क्षतिग्रस्त होने और पानी, कीचड़ होने के कारण जाम की स्थिति बन रही है। गुरुवार रात करीब 8 बजे पुलिया के नीचे से गुजर रहा राखड़ से भरा ट्राला फंस गया। कीचड़ में धंसने से वह निकल नहीं सका। ट्राला फंसने से सागर-खुरई मार्ग पर यातायात बंद हो गया।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन पुलिया में पानी होने और अंधेरा होने के कारण ट्राला निकाला नहीं जा सका। इसके बाद शुक्रवार सुबह से ट्राला को बाहर निकालने की मशक्कत शुरू की गई। क्रेन और हाइड्रा की मदद से दोपहर करीब 12 बजे ट्राला को पुलिया से बाहर निकाला गया। तब जाकर इस मार्ग पर यातायात बहाल हो सका। इस दौरान करीब 16 घंटे जरुआखेड़ा होते हुए खुरई जाने वाले मार्ग पर यातायात बाधित रहा।
भीलवाड़ा से कटनी जा रहा था ट्राला
ट्राला ड्राइवर छोटेलाल ने बताया कि ट्राले में सीमेंट का पाउडर (राखड़) भरा हुआ है। वह भीलवाड़ा से कटनी जा रहा था। रास्ता बंद होने की जानकारी नहीं थी। वाहनों के पीछे चलते हुए पुलिया में ट्राला डाल दिया। लेकिन कीचड़ होने के कारण ट्राला फंस गया।
11 दिन रेलवे फाटक बंद होने से बनी स्थिति
दरअसल, बीना रेल लाइन पर स्थित श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर के नीचे सागर-खुरई मार्ग पर बना रेलवे फाटक 11 दिन के लिए बंद किया गया है। अप-डाउन ट्रैक पर तीसरी लाइन में ओवरहालिंग कार्य के लिए यह फाटक 27 सितंबर तक 11 दिन बंद रहेगा।
लेकिन, फाटक बंद करने के दौरान रेलवे ने ऑप्शनल मार्ग तैयार नहीं कराया। राहगीर पुलिया के नीचे से होकर गुजर रहे हैं। पुलिया में पानी और कीचड़ होने के कारण वाहन फंस रहे हैं। जाम की स्थिति बन रही है।
इन मार्गों से आवागमन कर सकते हैं लोग
जरूवाखेड़ा गेट से रोजाना बड़ी संख्या में दोपहिया, चार पहिया, यात्री बसें समेत भारी वाहन आवागमन करते हैं। गेट बंद होने से वाहन चालकों को लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। बीना से सागर आने वाहनों को मालथौन होकर यात्रा करनी होगी। वहीं खुरई, राहतगढ़ और किशनपुरा होते हुए भी यात्री सागर पहुंच सकते हैं। इसी तरह जरूवाखेड़ा से बांदरी-मालथौन मार्ग से बीना पहुंचने का विकल्प रहेगा।
