
जबलपुर विश्वविद्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण दूर-दराज के जिलों से आए छात्र अपनी मार्कशीट, टीसी और माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए भटक रहे हैं। सरकारी नौकरी में आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक है, लेकिन दस्तावेज न मिलने से छात्र इन अवसरों से वंचित हो सकते हैं। हड़ताल अब 12 दिन से जारी है और समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ।
छात्र-छात्राओं का कहना है कि वे कई दिनों से विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हड़ताल के कारण कोई भी काम नहीं हो पा रहा। एक छात्र ने बताया कि सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बहुत करीब है और अगर मार्कशीट नहीं मिली तो उनकी मेहनत बेकार हो जाएगी।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शिवशंकर ने बताया कि 12 दिन से चल रही हड़ताल के बावजूद प्रशासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन केवल दिखावे के लिए दो बार वार्ता कर चुका है, लेकिन लिखित आश्वासन पूरे नहीं हुए।
अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पेंशन से जुड़े मामले अभी भी अटके हुए हैं। उन्होंने छात्रों को हो रही परेशानी पर दुख जताया और कहा कि वे चाहते हैं कि समस्या का समाधान जल्द हो, लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी।
RDVV के कुलसचिव डॉ. आर. के. बघेल ने छात्रों को हो रही असुविधा को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कुलपति ने कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से दो बार वार्ता की है और उनकी सभी मांगों पर चर्चा की गई। रजिस्ट्रार ने कहा कि कर्मचारियों से आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया गया है ताकि छात्रों को परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के परिणाम आ रहे हैं और ऐसे समय में कर्मचारियों को काम पर लौटना चाहिए।
छात्रों ने चेतावनी दी है कि हड़ताल लंबी चलती रही तो हजारों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। छात्रों ने प्रशासन और कर्मचारी संघ दोनों से अपील की है कि वे इस समस्या का समाधान जल्द करें।