
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। गठबंधन में चंडीगढ़ की सीट कांग्रेस के खाते में आई है। चर्चा है कि यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं हरियाणा में कांग्रेस नौ और आप एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं दोनों पाटियां पंजाब में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगी।
कांग्रेस और आप के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है। चंडीगढ़ सीट कांग्रेस के खाते में आई है। हरियाणा में नौ सीट पर कांग्रेस और एक सीट कुरुक्षेत्र पर आप लड़ेगी। वहीं पंजाब में दोनों पार्टियों के रास्ते अलग अलग ही रहेंगे।
पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने के ये हैं कारण
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही एलान कर चुके थे कि पार्टी पंजाब में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। यही कारण है कि कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर इसकी तैयारी शुरू करने के लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं।
आप व कांग्रेस दोनों ही के लिए अकेले चुनाव लड़ने का प्रमुख कारण है कि दोनों पार्टियों के मुख्य नेता और कार्यकर्ता एक साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। यही कारण है कि ऐसे में पार्टी हाईकमान उन पर किसी भी तरह का फैसला थोपना नहीं चाहती थी। दूसरी तरफ आप भी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत मान कर चल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को ऐसे ही रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद है। इसी तरह पिछले साल मई में जालंधर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी आप उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी।
हरियाणा में आप की तीन सीटों पर थी दावेदारी, मिली एक
आप ने हरियाणा में तीन सीटों पर अपनी दावेदारी जताई थी। यह तीनों सीटें पंजाब से लगते इलाकों की हैं। पार्टी की ओर से यह प्रस्ताव कांग्रेस के नेताओं को सौंप दिया गया था। हालांकि अब पार्टी को हरियाणा में गठबंध्रन में एक ही सीट मिली है।
आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र, अंबाला और सिरसा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती थी। यह तीनों सीटें पंजाब से लगते इलाकों से जुड़ी हुई हैं। पार्टी का मानना है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने की वजह से इन सीटों पर पार्टी का अच्छा प्रभाव है। कुरुक्षेत्र के पिहोवा में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ससुराल है। वहीं कुरुक्षेत्र लोकसभा के अंतर्गत आने वाला जिला कैथल भी पंजाब से जुड़ा हुआ है। वहीं, अंबाला व सिरसा भी पंजाब बेल्ट से सटा हुआ है। अंबाला के कई लोगों की रिश्तेदारियां पंजाब में हैं। सिरसा के फतेहाबाद में भी आप का अच्छा रसूख है। पार्टी का दावा था कि इन सीटों पर वह अच्छा परिणाम दे सकती है।