
प्रदेश में संगठित श्रमिकों की न्यूनतम वेतन दरों में 25 प्रतिशत वृद्धि होगी। नई संशोधित मजदूरी दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह निर्णय श्रमिकों के जीवन स्तर में गेम चेंजर साबित होगा।
मध्य प्रदेश का श्रम विभाग प्रदेश के मजदूरों को बड़ी सौगात देने जा रहा है। प्रदेश में औद्योगिक और असंगठित श्रमिकों की मजदूरी में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाएगी। यह नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने मंगलवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि समस्त औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों की मजदूरी में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। नई बढ़ी हुई दरों का लाभ एक अप्रैल से मिलेगा। प्रदेश में पांच साल में वेतन पुनरीक्षण का प्रावधान है, लेकिन यह 2014 से नहीं हुआ था। अब राज्य सरकार ने अनुसूचित नियोजनों में काम करने वाले श्रमिकों की मासिक और दैनिक वेतन की न्यूनतम वेतन दरों को संशोधित किया है। इसका लाभ मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को अब 25 प्रतिशत बढ़ा हुआ पैसा मिलेगा। प्रदेश में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम-1948 लागू है। मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किए जा रहे सबके विकास की यह एक व्यापक पहल है।
अब इतनी मिलेगी मजदूरी
श्रम विभाग के वेतन संशोधन के बाद श्रमिकों को महंगाई भत्ता जोड़कर न्यूनतम मजदूरी मिलेगी। इसमें अब अकुशल श्रमिकों को 11,450 रुपये प्रतिमाह, अर्द्धकुशल श्रमिकों को 12,446 रुपये प्रतिमाह, खेतिहर मजदूरों को 9160 रुपये प्रतिमाह मजदूरी मिलेगी।
श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने पर 40 हजार रुपये सहायता
राज्य सरकार ने श्रमिकों के हित में अन्य बड़ी घोषणाएं भी की हैं। इसमें पार्ट टाइम (गिग वर्कर) मजदूरी करने वालों को संबल योजना से जोड़ा जाएगा। मजदूरों की दिव्यांगता और मृत्यु के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि बढ़ाकर चार लाख रुपये होगी। वहीं, श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।