
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 28 में से 10 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ के अलावा तीन मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है। 29 में से एक सीट खजुराहो सीट कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को दी
अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी की। 43 नामों की सूची में मध्य प्रदेश से 10 प्रत्याशियों के नाम का एलान किया गया है। इसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर समेत 18 नामों को अभी होल्ड पर रखा गया है। 10 प्रत्याशियों में छिंदवाड़ा सीट से मौजूदा सांसद नकुलनाथ का नाम है। कांग्रेस ने अपनी साख बचाने के लिए तीन मौजूदा विधायकों को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, दिग्गज नेताओं के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद नए चेहरे को मौका दिया गया है।
छिंदवाड़ा- इस सीट पर कांग्रेस ने वर्तमान सांसद नकुलनाथ को ही प्रत्याशी बनाया है। इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। छिंदवाड़ा सीट जीतने के लिए भाजपा पूरा जोर लगा रही है। छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा दमदार चेहरे की तलाश में है।
सतना- इस सीट पर कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। कुशवाह ने विधानसभा चुनाव में भाजपा सांसद और विधानसभा में चुनाव में प्रत्याशी गणेश सिंह को चुनाव हराया है। हालांकि सतना लोकसभा सीट कुर्मी वोट बैंक बाहुल्य है। भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह कुर्मी समाज से आते हैं। ऐसे में सिद्धार्थ कुशवाहा के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा।
भिंड- इस सीट पर कांग्रेस ने भांडेर से वर्तमान विधायक फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर बरैया भाजपा प्रत्याशी संध्या राय को टक्कर देंगे। हालांकि फूल सिंह बरैया अपने बयानों को लेकर विवाद में रहते है। दिग्विजय सिंह के खास बरैया के लिए चुनावी मुकाबला कड़ा हो सकता है।
मंडला- ओंकार सिंह मरकाम डिंडौरी से विधायक हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर मरकाम का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते से है। मरकाम वर्तमान में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य है। फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से पिछला विधानसभा चुनाव हार गए है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में उनको मरकाम से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
सीधी- कमलेश्वर पटेल विधानसभा चुनाव सिंहवाल सीट से हार गए। वे अभी कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेल कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनके पिता भी मंत्री रहे हैं। सीधी में उनका मुकाबला डॉ. राजेश मिश्रा से है। पटेल ओबीसी के बड़े नेता है। सीधी ब्राह्मण और ठाकुर बाहुल इलाका है। ऐसे में पटेल के लिए चुनाव आसान नहीं होगा।
टीकमगढ़- पंकज अहिरवार यूथ कांग्रेस से जुड़ा रहा है। जतारा से विधानसभा से टिकट मांग रहा था, लेकिन टिकट नहीं मिली। अभी अनूसचित जाति प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। नए चेहरा और युवा हैं। क्षेत्र में काफी सक्रिय है। अंबेडकर मिशन परिषद के साथ अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के काम करते हैं। अहिरवार का मुकाबला भाजपा के वर्तमान केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक से है।
धार- राधेश्याम मुवैल मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। ये विधानसभा चुनाव में मनावर से टिकट मांग रहे थे। अभी यूथ कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष हैं। वे यूथ कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारणी में रह चुके हैं। आदिवासी वोटर बाहुल्य सीट पर भाजपा ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यहां से कांग्रेस के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने भाजपा की सदस्यता ली है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा उनको धार से प्रत्याशी बना सकती है। यदि ऐसा होता है तो इस सीट पर मुकाबला कड़ा हो सकता है।
खरगोन- पोरलाल खरते सेल्स टैक्स अधिकारी हैं। विधानसभा चुनाव से पहले वीआरएस लेकर कांग्रेस की सदस्यता ली। यह विधानसभा चुनाव में सेंधवा से टिकट मांग रहे थे। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर पिछले एक साल से सक्रिय थे। यहां पर भाजपा ने सांसद गजेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में पोरलाल के लिए चुनौती बड़ी मानी जा रही है।
देवास – राजेंद्र मालवीय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा कृष्ण मालवीय के बेटे हैं। इनको 2013 में कांग्रेस ने विधानसभा टिकट दिया था, लेकिन चुनाव हार गए थे। बलाई समाज से आते हैं। यहां से सज्जन सिंह वर्मा चुनाव लड़ते थे, लेकिन उनके मना करने के बाद राजेंद्र मालवीय को टिकट दिया है। देवास सीट पर भाजपा ने सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को फिर प्रत्याशी बनाया है।
बैतूल- रामू टेकाम आदिवासी अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष हैं। यह आदिवासी सीट लंबे समय से सक्रिय हैं। कांग्रेस ने उनको 2019 में भी प्रत्याशी बनाया था। आदिवासी जनजाति वोट बाहुल्य बैतूल सीट पर उनका मुकाबला फिर से भाजपा सांसद दुर्गादास उइके से होगा। रामू टेकाम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थक माने जाते हैं।