
दमोह के कुलुआ गांव में ग्रामीणों के लिए तालाब खुदवाया गया था। उस पर मगरमच्छ ने कब्जा कर लिया है। एक घाट पर मगरमच्छ है तो दूसरे घाट पर ग्रामीण पानी भरते हैं। मगरमच्छ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
दमोह के कुलूआ गांव में ग्रामीणों के लिए खुदवाए गए तालाब पर एक मगरमच्छ ने कब्जा कर लिया है। वह नदी से आकर यहां रहने लगा है। अब आलम यह है कि ग्रामीण तालाब पर जाने में दहशत खा रहे हैं।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुलुआ में पंचायत द्वारा खुदवाए तालाब में एक मगरमच्छ ने अपना घर बना लिया है। यह मगरमच्छ इस तालाब में काफी समय से रह रहा है। आए दिन तालाब से बाहर निकल आता है। तालाब के बाहर बैठे मगरमच्छ को देख ग्रामीणों में भय का माहौल है। आलम यह है कि एक घाट पर पानी में मगरमच्छ रहता है तो दूसरे घाट के पानी का उपयोग ग्रामीण करते हैं।
गनीमत यह है कि मगरमच्छ ने अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। शुक्रवार को भी मगरमच्छ तालाब से निकलकर बाहर आ गया। इसी दौरान ग्रामीणों ने उसे देखा तो फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। साथ ही यह भी बताया कि जिस जगह पर यह तालाब है। वहां से डेढ़ सौ मीटर दूर शासकीय स्कूल है, जिसमें बच्चे पढ़ते हैं। इस मगरमच्छ से हमेशा उनके लिए खतरा बना रहता है। ग्रामीण भी मगरमच्छ के भय के कारण तालाब की ओर जाने से डरते हैं।
मवेशियों को भी बना खतरा
कुलुआ ग्राम पंचायत द्वारा इस तालाब का निर्माण कराया गया था। लगभग छह माह पूर्व मगरमच्छ पास की व्यारमा नदी से निकलकर इस तालाब में आकर रहने लगा। ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब ग्रामीणों की सुविधा के लिए है, लेकिन मगरमच्छ के आने से ग्रामीणों में डर बना रहता है। मवेशियों के लिए भी पानी पीने यहां आना पड़ता है उनके लिए भी खतरा है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस नदी से निकलकर यह मगरमच्छ तालाब में आया है उसी नदी में वापस चला जाए। क्योंकि तालाब से कुछ ही दूरी पर स्कूल है यहां बच्चे पढ़ने आते है। उनके लिए भी खतरा बना हुआ है। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि यदि ग्राम पंचायत के तालाब में मगरमच्छ है। गांव में भय पैदा कर रहा है तो इसके संबंध में ग्राम पचायत से जानकारी लेता हूं। वन विभाग के अधिकारियों से बात करके उसे नदी में भिजवाने की व्यवस्था की जाएगी।