
पुलिस को शक है कि गैंग ने बड़ी संख्या में छात्रों को ठगा है, देश के अलग अलग जिलों से छात्र इनके चंगुल में फंसे हैं।
इंदौर में रेलवे और मेडिकल कालेज में नौकरियों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोपियों ने छात्रों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने छात्रों को बाकायदा कई महीनों तक ट्रेनिंग भी दिलाई और फिर नियुक्ति पत्र भी दे दिए। आरोपियों के गायब होने के बाद छात्रों को शक हुआ तो मामले का खुलासा हुआ। इंदौर के विजयनगर थाने की पुलिस ने इस मामले में नेवरी (देपालपुर) निवासी संजय कुमार की शिकायत पर दुर्गेश्वरी बाघेला और अभिजीत साहू के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस को शक है कि इस गैंग ने बड़ी संख्या में देशभर के छात्रों को ठगा है। इसकी जांच की जा रही है।
संजय के मुताबिक दुर्गेश्वरी एक ई-कामर्स कंपनी में नौकरी करती थी। उसने पहले संजय के परिवार में आना जाना शुरू किया। इसके बाद परिजन से कहा कि वह संजय और उसके साले महादेव की सरकारी नौकरी लगवा देगी। इसके बाद उसने परिजन की अभिजीत साहू से मुलाकात करवा दी। अभिजीत ने संजय के साले महादेव को रेलवे में टीसी और संजय को रतलाम मेडिकल कालेज में उप रजिस्ट्रार की नौकरी का प्रलोभन दिया।
डीआरएम कार्यालय के सामने नियुक्ति पत्र दिया
अभिजीत ने जब रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा दिया तब वह महावेद को तो बाकायदा कोटा ले गया और डीआरएम कार्यालय के सामने नियुक्ति पत्र सौंपा। इसके बाद उसने डकुनिया तालाब के पास एक रूम किराए से दिलवाया और तीन महीने तक ट्रेनिंग दी। महादेव के साथ करीब सात अन्य युवक भी थे, जो स्वयं को ट्रेनी टीसी समझकर ट्रेनिंग ले रहे थे। एक युवक को तो उसने टीसी की वर्दी पहनाकर कोलकाता भिजवा दिया। इसके बाद आरोपित ने संजय को उप रजिस्ट्रार की नौकरी लगवाने का झांसा दिया और लाखों रुपए ले लिए।
एक युवती को गिरफ्तार किया
इसी बीच ग्रामीण जिले के एक थाने में एक युवक ने आरोपितों के खिलाफ शिकायत कर दी। युवक को इस गैंग पर पहले से शक था। शिकायत होते ही अभिजीत और दुर्गेश्वरी फरार हो गए। टीआइ सीबीसिंह के मुताबिक इसके बाद संजय और महादेव ने इंदौर के थाने में शिकायत की। अब दोनों आरोपितों की तलाश जारी है। पुलिस ने गिरोह में शामिल सुमन नामक युवती को गिरफ्तार कर लिया है।