
Savitri Thakur: सांसद सावित्री ठाकुर ने राजनीति में अपने दम पर जगह बनाई है। उनके परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं था। उनके पति किसान है और पिता सरकारी कर्मचारी रह चुके हैं। सावित्री का संघ से पुराना जुड़ाव रहा है। इस बार वे दूसरी बार सांसद बनी हैं। पढ़ें, अब तक का सियासी सफर?
Savitri Thakur: मध्य प्रदेश के धार लोकसभा सीट से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने वालीं सांसद सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। मोदी 3.0 में उन्हें मंत्री बनाया गया है। चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल को करारी शिकस्त दी थी। अब जानिए, मंत्री बनी सांसद सावित्री के बारे में…
नाम में ठाकुर, पर हैं आदिवासी
सांसद सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। वे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की पृष्ठभूमि से आती हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक एनजीओ में को-ऑर्डिनेटर के रूप में की थी। सावित्री के नाम में ही सिर्फ ठाकुर लगा है, लेकिन मूल रूप से वे आदिवासी समाज से आती हैं। वे 10वीं पढ़ी हुई हैं।
राजनीति में अपने दम पर पाया ये मुकाम
सांसद सावित्री ठाकुर ने राजनीति में अपने दम पर जगह बनाई है। उनके परिवार का दूर-दूर तक राजनीति से कोई नाता नहीं था। उनके पति तुकाराम ठाकुर किसान है और पिता राज्य वन विभाग के कर्मचारी रह चुके हैं। एनजीओ में को-ऑर्डिनेटर बनने के दौरान सावित्री आरएसएस के संपर्क में आईं थी। इसके बाद उससे जुड़ गईं। आदिवासी समाज से और पढ़ी लिखी महिला होने का फायदा सावित्री को मिला और धीरे-धीरे उन्होंने राजनीति में अपनी जगह बनाई। सबसे पहले साल 2003 में सावित्री जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। 2004 में उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का भी मौका मिला।
2014 में भाजपा ने दिया बड़ा मौका
इसके दस साल बाद 2014 में सावित्री ठाकुर की किस्मत चमकी और भाजपा ने उन्हें धार लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार उमंग सिंघार को हराकर बड़ी जीत दर्ज की। उन्हें उद्योग पर बनी संसदीय समिति का सदस्य भी बनाया गया।
2019 में लगा झटका
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सावित्री ठाकुर को भाजपा से झटका लगा। पार्टी ने धार सीट से उनका टिकट काटकर छतर सिंह दरबार को दे दिया। छतर सिंह दरबार ने चुनाव में जीत हासिल की।
2024 में फिर हुई बल्ले-बल्ले
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मौजूदा सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काट दिया। पार्टी की ओर से एक बार की सांसद सावित्री ठाकुर को प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवैल को 2.18 लाख वोटों से मात दी।
क्या कहती हैं सावित्री?
अपने राजनीति सफर को लेकर सावित्री कहती हैं कि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं राजनीति में आऊंगी। एक एनजीओ से जुड़े रहने के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आई और यहां मेरे लिए राजनीति के द्वार खुल गए।
अब जानिए क्यों बनाया गया मंत्री?
सावित्री ठाकुर आदिवासी समाज से आती हैं। जिस लोकसभा सीट धार से वे चुनाव जीतकर सांसद बनी हैं, वह आदिवासी इलाका है। आदिवासी समाज ने भाजपा को झोली भरकर वोट दिए हैं। ऐसे में पार्टी इस समाज से नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। मोदी 3.0 कैबिनेट में आदिवासी समाज से आने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल नहीं है, ऐसे में आदिवासियों और महिला को साधने के लिए भाजपा ने सावित्री ठाकुर के मंत्रिमंडल में जगह दी है। कहा जा रहा है कि सावित्री
इन राजनीतिक पदों पर रहीं सावित्री ठाकुर
- 2003 में जिला पंचायत सदस्य
- 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष
- 2010 में धार भाजपा जिला उपाध्यक्ष
- 2013 में कृषि उपज मंडी समिति, धामनोद की अध्यक्ष
- 2014 में लोकसभा सांसद
- 2017 में भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
- राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा में कार्यकारिणी सदस्य
- वर्तमान में आदिवासी महिला विकास परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री
- वर्तमान में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य