
तेंदूखेड़ा की तत्कालीन उपवन मंडल अधिकारी रेखा पटेल से मामले को लेकर बात की तो उनका कहना है, मेरा स्थानांतरण हो गया है। लेकिन मेरे द्वारा पारना तालाब में अवैध रूप से खुदाई करने वाली दो पोकलेन और एक डंफर सहित एक ट्रैक्टर जब्त किया था।
दमोह जिले के तेजगढ़ वन परिक्षेत्र कार्यालय में जब्ती के पोकलेन मशीन और डंपर सहित चार वाहन खड़े हैं। लेकिन कोई कर्मचारी यह बताने को तैयार नहीं है कि यह वाहन क्यों खड़े हैं। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि यह किसी कार्रवाई में जब्त हुए हैं तो कुछ यह कह रहे हमें पता नहीं वाहन क्यों खड़े हैं। रेंजर ही इसका जबाब देंगे। तेजगढ़ रेंजर मामले को टाल रहे हैं। जबकि यह है कि ये चारों वाहन जबेरा तहसील के पारना तालाब में अवैध उत्खनन करते हुए जब्त हुए थे। जो वन सुरक्षा में रखे हुए हैं। उसकी जांच चल रही है, लेकिन जांच क्या चल रही है कौन जांच कर रहा है, इसकी कोई पुष्टि करने को तैयार नहीं है।
मामला जनपद जबेरा से जुड़ा हुआ है। यहां पारना तालाब का बड़े स्तर पर निर्माण हो रहा है। यह निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इसमें कई महीने से अलैध उत्खनन चल रहा था और बाद में इसकी सूचना वन मंडल अधिकारी एमएस उइके को दी गई थी। उसके बाद पूरी जांच हुई, जिसमें तेजगढ़ वन परिक्षेत्र का अमला लिप्त पाया गया। पूर्व में पदस्थ तेंदूखेड़ा उपवन मंडल अधिकारी रेखा पटेल ने पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन बनाकर दमोह वन मंडल अधिकारी को भेजा था। उसके बाद डिप्टी रेंजर और दो वीटगार्ड निलंबित हुए थे और बाद में चार वाहन जब्त हुए।
18 करोड़ से बन रहा तालाब
जबेरा जनपद के पारना वीट के समीप करीब 18 रुपये की लागत से जल संसाधन विभाग द्वारा एक बड़े तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। जिस ठेकेदार को यह टेंडर मिला था, उसने लोकल तेजगढ़ रेंज स्तर के अधिकारियों से पूरे मामले में सेटिंग कर जंगल से पत्थर लाकर कार्य शुरू कर दिया था। सूत्र बताते हैं कि पूरे मामले में तेजगढ़ रेंजर भी लिप्त थे, जिनको कार्य की जानकारी थी।लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में पूरे मामले की जानकारी वन मंडल अधिकारी दमोह को दी गई। उसके बाद उन्होंने पूर्व तेंदूखेड़ा उपवन मंडल अधिकारी रेखा पटेल को जांच के लिए 23 अप्रैल को भेजा। जहां शिकायत सही पाई गई और बाद में ठेकेदार पर प्रकरण दर्ज किया गया।
उस समय पारना और करनपूरा वीट में पदस्थ वीटगार्ड के साथ सर्किल ऑफिसर को दोषी पाया गया। बाद में वन मंडल अधिकारी एमएस उइके ने निलबंन की कार्रवाई की। उस समय वन मंडल अधिकारी ने यह बताया था कि पारना तालाब निर्माण में वन भूमि से पत्थरों को बिना अनुमति के परिवहन किया गया है। पूरे मामले में सर्किल ऑफिसर और दो वीटगार्डों की संलिपतता रही। जिन्होंने जानकारी नहीं दी है। इसलिए उनको निलंबित किया गया है। आगे पूरे मामले के लिए एक टीम गठित की है, जो पूरी जांच रिपोर्ट देगी।
21 मई को तेंदूखेड़ा उपवन मंडल अधिकारी रेखा पटेल ने उड़नदस्ता की मौजूदगी में अवैध रूप से जंगल की खुदाई करने के मामले में दो पोकलेन मशीन एक डंफर और एक ट्रैक्टर जब्त कर चारो वाहन तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में वन अमले की सुरक्षा में रखे थे। लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने इतनी बड़ी कार्रवाई की जानकारी नहीं दी।
पारना तालाब का निर्माण जबेरा से दस किलोमीटर दूर हो रहा था और इसके लिए वन विभाग ने 58 हेक्टेयर भूमि दी थी। इस पर यह तालाब का निर्माण होना शुरू हुआ था। लेकिन अवैध उत्खनन की कोई शर्त नहीं थी, ये उत्खनन रेंजर स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा था।
अधिकारी का हो गया स्थानांतरण
तेंदूखेड़ा की तत्कालीन उपवन मंडल अधिकारी रेखा पटेल से मामले को लेकर बात की तो उनका कहना है, मेरा स्थानांतरण हो गया है। लेकिन मेरे द्वारा पारना तालाब में अवैध रूप से खुदाई करने वाली दो पोकलेन और एक डंफर, एक ट्रैक्टर जब्त किया था। प्रकरण बनाया था, आगे की कार्रवाई क्या हुई, वह तेंदूखेड़ा में वर्तमान अधिकारी बता सकते हैं।
तेंदूखेड़ा के उपवन मंडल अधिकारी प्रतीक दुबे का कहना है, जब्त वाहनों पर राजसात की कार्रवाई की जाेगी और ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। जब उपवन मंडल अधिकारी से पूछा की क्या इस मामले में दो वीटगार्ड और सर्किल आफिसर ही लिप्त थे रेंजर को जानकारी नहीं थी। इस सवाल पर श्री दुबे कोई जवाब नहीं दे पाए।