
MP: दमोह कटनी रेलवे सेक्शन के रेलवे स्टेशन घटेरा सहित रेलवे ट्रेक में तीसरी रेलवे लाइन का विस्तारीकरण कार्य इन दिनों जोरों पर चल रहा है। यहां ब्यारमा नदी पर जो रेलवे पुल बना है, उसके नीचे वर्षों पुराना स्टाप डैम बना है, जिसे ठेकेदार ने तोड़ दिया है।
दमोह कटनी रेलवे सेक्शन के रेलवे स्टेशन घटेरा सहित रेलवे ट्रेक में तीसरी रेलवे लाइन का विस्तारीकरण कार्य इन दिनों जोरों पर चल रहा है। यहां ब्यारमा नदी पर जो रेलवे पुल बना है, उसके नीचे वर्षों पुराना स्टाप डैम बना है, जिसे ठेकेदार ने तोड़ दिया है। अब रेलवे कर्मचारियों के साथ ही यात्रियों के लिए पानी की परेशानी हो सकती है। वहीं अधिकारी कह रहे हैं कि हमने स्टाप डैम तोड़ने की परमिशन नहीं दी।
रेलवे स्टेशन घटेरा के पास व्यारमा नदी में तीसरे रेलवे पुल का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें पुल के पाया के ऊपर ओपन वेव गाडर रखे जाने का कार्य चल रहा है। क्योंकि रेलवे ठेकेदार को डर है कि यदि व्यारमा नदी में पानी का जलस्तर अधिक बढ़ गया तो कार्य अधूरा पड़ा रह जाएगा। इसलिए ठेकेदार द्वारा व्यारमा नदी में बने डैम को क्षतिग्रस्त कर पानी को बहा दिया गया, जिससे व्यारमा नदी में पानी का भराव ना रहे और निर्माण पूर्ण हो सके।
जानकारी अनुसार रेलवे स्टेशन घटेरा में निवासरत रेलवे कर्मचारी एवं घटेरा रेलवे स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों को व्यारमा नदी से बीते कई वर्षों से पेयजल सप्लाई किया जाता है। रेलवे विभाग द्वारा अप और डाउन के रेलवे पुल निर्माण के दौरान स्टाप डैम का निर्माण कई वर्षों पूर्व कराया गया था। जिसका उद्देश्य था कि व्यारमा नदी के किसी हिस्से में 12 महीने पानी का भराव रहे और यात्रियों एवं रेलवे कर्मचारियों को पेयजल सप्लाई में कोई समस्या सामने ना आए।
इन दिनों तीसरी रेलवे पुल निर्माण में ओपन वेब गटर पाया के ऊपर चढ़ाए जा रहे है। व्यारमा नदी का जलस्तर कुछ दिनों से बढ़ गया था। जिस पुल के पाया के ऊपर गाडर रखे जाने थे, वहां पानी का भराव हो गया था। जिस कारण मशीन पानी के भराव के कारण नहीं पहुंच पा रही थी और कार्य रुका हुआ था। रेलवे ठेकेदार द्वारा पानी के भराव को खत्म करने के लिए ब्यारमा नदी में काफी मजबूती और कई सालों पहले बना स्टाप डैम को क्षतिग्रस्त कर पानी निकाल दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर स्टाप डैम को तोड़कर पानी का भराव तो खत्म कर दिया गया। यदि रेलवे ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त स्टाप डैम का पुनः निर्माण नहीं कराया गया तो यात्रियों एवं कर्मचारियों को 12 महीने नदी से पानी कैसे उपलब्ध हो पाएगा। इस संबंध में एक्सीएंस कन्ट्रेक्शन विभाग के जेके रावत का कहना है कि मेरे द्वारा स्टाप डेम को क्षतिग्रस्त करने की परमीशन नहीं दी है। घटेरा पहुंचकर देखता हूं यदि ठेकेदार द्वारा स्टाप डैम को क्षत्रिग्रस्त किया है तो पुनः निर्माण कराने बोलता हूं।