
थाना प्रभारी ने बताया कि बिसरा रिपोर्ट एफएसएल जांच के लिए गई है, जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है। लेकिन, मामला गंभीर है इसलिए एसपी के माध्यम से भी दो बार पत्राचार किया जा चुका है, ताकि रिपोर्ट जल्द मिल सके।
दमोह रेलवे स्टेशन पर 8 जून को ढाई महीने के बच्चे से मारपीट के बाद मौत के मामले में अभी तक बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है। जीआरपी को बिसरा रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही मामले की जांच आगे बढ़ सकती है। इससे पहले आई पीएम रिपोर्ट में बच्चे के शरीर पर बाहरी और अंदुरुनी चोंट की पुष्टि नहीं होने पर बिसरा एफएसएल जांच के लिए भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट 42 दिन बाद भी जीआरपी को नहीं मिली है। जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर बच्चे की मौत किस कारण से हुई। दरअसल, हटा ब्लाक के मड़ियादो क्षेत्र के घोघरा निवासी लेखराम आदिवासी के ढाई महीने के बेटे शिवम के साथ एक तांत्रिक कमलेश विश्वकर्मा ने मारपीट की थी। इससे बच्चे को मौत हुई थी। बच्चा अतिकुपोषित श्रेणी में था। बच्चे की मां रामसखी ने बच्चे समेत उनके और पति के साथ भी तांत्रिक द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने जटाशंकर कॉलोनी निवासी तांत्रिक कमलेश विश्वकर्मा को छतरपुर के गुलगंज से गिरफ्तार किया था। जीआरपी ने आरोपी पर मारपीट के तहत प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया था। बच्चे के शव का पीएम कराया गया था जिसमें शरीर पर बाहरी और अंदरुनी चोंट की पुष्टि नहीं हुई थी। बच्चा कुपोषित था और उसका जिला अस्पताल एनआरसी में इलाज भी हुआ था। इसके बाद परिजन उसे लेकर दिल्ली चले गए थे, जहां बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर परिजन वापस दमोह इलाज के लिए लेकर आए थे। लेकिन, अस्पताल पहुंचने से पहले ही यह घटनाक्रम हुआ था और उसकी मौत स्टेशन पर हो गई थी।सागर जीआरपी थाना प्रभारी एचएल चौधरी का कहना है कि फिलहाल यह पता नहीं चला है कि तांत्रिक को बच्चे के परिजन ने ही बुलाया था कि वह स्वयं आया था, लेकिन बच्चे के पिता ने अपने भाई को फोन लगाया था और बच्चे की तबियत खराब होने के बारे में बताया था। यह भी बयान में बताया गया कि भाई से झाड़फूंक करवाने कहा था, शायद उसी के द्वारा तांत्रिक को भेजा गया हो। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। आरोपी कमलेश ने भी यह नहीं बताया था। थाना प्रभारी ने बताया कि बिसरा रिपोर्ट एफएसएल जांच के लिए गई है, जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है। लेकिन, मामला गंभीर है इसलिए एसपी के माध्यम से भी दो बार पत्राचार किया जा चुका है, ताकि रिपोर्ट जल्द मिल सके।