
भाजपा ने दूसरी सीटों पर परिवारवाद को रोकने के लिए नेता पुत्रों के टिकट काटे, लेकिन झाबुआ सीट के लिए संगठन ने परिवारवाद को बढ़ावा देने में जरा भी नहीं सोचा। इस क्षेत्र में भाजपा ने एक ही परिवार पर भरोसा जताया।
मालवा-निमाड़ के आदिवासी क्षेत्र में भाजपा के पास हमेशा ही बड़े चेहरे का संकट रहा है। लंबे समय तक झाबुआ लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। पिछली बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा था। इस बार फिर से सीट जीतने के लिए भाजपा ने टिकट बदलकर आलीराजपुर विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता चौहान को टिकट दे दिया। गौर करने लायक बात यह है कि भाजपा ने दूसरी सीटों पर परिवारवाद को रोकने के लिए नेता पुत्रों के टिकट काटे, लेकिन झाबुआ सीट के लिए संगठन ने परिवारवाद को बढ़ावा देने में जरा भी नहीं सोचा। इस क्षेत्र में भाजपा ने एक ही परिवार पर भरोसा जताया। पहले विधायक और फिर सांसद का टिकट नागर परिवार के हिस्से आया। अब यह निर्भरता संगठन को भारी पड़ रही है। जब चौहान को मंत्री पद सेे इस्तीफा देने को कहा गया तो वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। वन विभाग छिने जाने पर उन्होंने इस्तीफे की धमकी दे दी।
पत्नी सांसद के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष, भाभी भी जनपद अध्यक्ष
नागर सिंह चौहान के पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष भी है। जो उनके लोकसभा उम्मीदवार की एक वजह बनी। इसके अलावा नागर की भाभी जनपद अध्यक्ष है। एक ही परिवार में इतने पद होने का जिले के दूसरे भाजपा नेताअेां मेें असंतोष पनप रहा हैै, लेकिन वे खुलकर विरोध नहीं करते। संगठन को भी इसका अंदाजा है, इसलिए वे स्वेच्छा से नागर सिंह को इस्तीफा चाहते थे, लेकिन नागर अपना राजनीतिक कैरियर खराब नहीं करना चाहते, इसलिए उन्होंने इनकार कर दिया। अब उन्हें समझाने का जिम्मा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को दिया गया है। शर्मा केंद्रीय बजट के कारण मंगलवार को दिल्ली में है।