
एंकर – सर्रा प्राथमिक स्वस्थ केंद्र के आधीन करीब 25 गांव आते हैंं। इन गांव की प्रसूता महिलाओं की डिलेवरी सर्रा में होती है, लेकिन प्रथमिक स्वास्थ केंद्र तक महिलाओं को पहुंचाने के लिए कोई शासकीय वाहन नहीं है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़त है।दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाले सर्रा प्राथमिक स्वास्थय केंद्र में एंबुलेंस वाहन न होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है, जबकि इस स्वास्थय केंद्र के भरोसे 25 गांव हैं। जिससे प्रसूता महिलाओं के साथ गंभीर मरीजों के लिए 108 और जननी वाहन का लाभ नहीं मिल पा रहा। तेंदूखेड़ा स्वास्थय केंद्र के साथ ही जिला मुख्यालय से एंबुलेंस बुलानी पड़ती है। इस कारण कई बार विवाद के हालत भी बन जाते हैं। 25 गांव की है जवाबदारी सर्रा प्राथमिक स्वस्थ केंद्र के आधीन करीब 25 गांव आते हैंं। इन गांव में सर्रा, सरसेला, बोरिया, सनाई, कूदपुरा, भैसा, फूलर, मादो, विस्थापित गांव दूधिया, उनरीखेड़ा, मझगवा और अन्य गांव हैं। इन गांव की प्रसूता महिलाओं की डिलेवरी सर्रा में होती है, लेकिन प्रथमिक स्वस्थ केंद्र तक घर से महिलाओं को पहुंचाने के लिए कोई शासकीय वाहन नहीं है। इसी तरह यदि अचानक कोई घटना या हादसा इस क्षेत्र में होता है तो कोई शासकीय वाहन जैसे 108 की यहां कोई सुविधा नहीं है। वाहन की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल लगाने पर तेंदूखेड़ा, दमोह या फिर अन्य जगह से वाहन बुलाए जाते हैं। जिनमें अधिकांस वाहन जाते ही नहीं और जो जाते हैं वह सूचना के दो से तीन घंटे बाद मौका पर पहुंच पाते हैं।
मांग को किया अनदेखा
सर्रा निवासी मानसिंह यादव ने बताया की हमलोग कई वर्षों से सर्रा प्रथमिक स्वस्थ केंद्र में जननी वाहन और 108 वाहन की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक हम लोगों की मांग पूरी नहीं हुई है। सर्रा प्रथामिक स्वास्थ केंद्र में प्रतिदिन दो से तीन प्रसूता महिलाएं आती हैं।
कुंजविहारी विश्कर्मा और हेमराज गोंड ने बताया मेरा गांव सर्रा से सात किलोमीटर दूर है, गांव में कोई चार पहिया वाहन नहीं है। जब प्रसूता महिलाओं को रात के समय तकलीफ होती है तो उन्हें बाइक पर बैठाकर सर्रा लेकर जाना पड़ता है। नोनेलाल परसते सरसेला निवासी ने बताया कि गांव से प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्रा तक तो महिलाओं को मुश्किलों का सामना करके ले जाते हैं, लेकिन किसी महिला को सर्रा से इमरजेंसी रेफर किया जाता है तो कई घंटों तक वाहन नहीं मिलता है। कभी-कभी हम लोग बाइक से तेंदूखेड़ा लेकर गए हैं। जननी वाहन की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन आज तक सुविधा नहीं मिली है।