
एंकर–दमोह जिला मगरमच्छों का गढ़ बनता जा रहा है। इस साल बारिश शुरू होते ही जिले के सभी नदी नालों में मगरमच्छों के देखने की ज्यादातर घटनाएं सामने आ रही है। इतना ही नहीं नदी नालों में घूमने वाले इन मगरमच्छों ने कई लोगों को हमला कर घायल भी किया है और कई लोगों की जान भी चली गई।
कई जगह वन विभाग ने रेस्क्यू करने के बाद इन मगरमच्छों को जंगली इलाके में छोड़ दिया है, लेकिन अभी भी जिले में हर एक-दो दिन में गांव के पास और नदी नालों में मगरमच्छों के मिलने की खबरें आती रहती है। शनिवार को पड़रिया थोबन गांव के नाले में भी एक मगरमच्छ तैरता दिखाई दिया।
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो व्यारमा नदी में बड़ी तादाद में मगरमच्छ हैं। केवल इस नदी अकेले में हजारों की संख्या में मगरमच्छ होने का अनुमान है, हालांकि उनकी कभी गणना नहीं हो पाई है। वहीं जिले अलग अलग नदी नालों में और व्यारमा नदी से लगे हुए तालाबों में मगरमच्छ दिखाई दे रहे हैं।
बीते एक सप्ताह की बात करें तो दमोह जिले जबेरा क्षेत्र के मुबार, झरौली, बनवार, बड़े घाट, वीजा डोंगरी, गुढ़ा, मुड़ेरी तालाब, भदर नाला, कोरता और अब पड़रिया थोवन गांव के नाले कोरता और अब पड़रिया थोवन गांव के नाले में 6 फीट का मगरमच्छ नाले के पास खेल रहे बच्चों तैरता हुआ दिखाई दिया। जिले के सबसे बड़े माला जलाशय और व्यारमा नदी से लगे नाले से निकलकर ये मगरमच्छ आबादी क्षेत्र के तालाबों में पहुंच रहे हैं।
मगरमच्छ जिले के सबसे बड़े माला जलाशय से शून्य नदी और जिले की सबसे बड़ी नदी व्यारमा से लगे हुए नालों से बारिश में बाहर निकलकर आबादी क्षेत्र पहुंच रहे हैं, जो आए दिन नालों और तालाबों में तैरते हुए ग्रामीणों को दिखाई देते है।
ग्रामीणों की सूचना पर कुछ मगरमच्छों का वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने में सफल हो जाती है और कुछ गहरे पानी में पहुंच जाते है, जिससे उन्हें पकड़ा नहीं जा पाता। भदर नाला और फिर कोरता पटी नाला और अब इन तीनों नालों संगम स्थल पड़रिया थोवन में 7 फीट का मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया।