
दिगंबर जैन धर्मशाला में मुनिश्री प्रयोग सागर एवं मुनिश्री सुब्रत सागर महाराज के मंगल सानिध्य में रक्षाबंधन महापर्व मनाया गया। अभिषेक शांति धारा के बाद पूजन एवं भगवान श्रेयांश नाथ जी के मोक्ष कल्याण पर्व पर लाडू चढ़ाया गया।
इस अवसर पर मुनिश्री सुब्रत सागर महाराज ने मंगल प्रवचन में कहा कि रक्षाबंधन पर्व बेटियों की रक्षा के लिए भारत में सदियों से मनाया जा रहा है लेकिन आज बेटियां ही सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। बेटियां तो बाहर नहीं पेट में भी असुरक्षित हैं। कन्याओं की भ्रूण हत्या करवा दी जाती है जो की एक बहुत बड़ा अपराध है। आज का मनुष्य बेटी को गोदी में नहीं चाहता लेकिन वह बहू के रूप में डोली में अवश्य चाहता है।
जब बेटियां नहीं रहेगी तो बहू कहां से आएंगी। उन्होंने कहा जैन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बहुत पौराणिक महत्व लिए हुए हैं। आज के दिन अकांपनाचार्य 700 मुनि राज पर जो भयंकर उपसर्ग आया था। उसके निवारण का दिन है। हमें आज के दिन साधु संतों और मुनियों की रक्षा और उनकी सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। साधु संतों की बदौलत ही आज यह दुनिया सलामत है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन श्रावक मौजूद रहे।