
Hemant Soren Arrest झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former Jharkhand Chief Minister Hemant Soren) की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर विपक्ष केंद्र सरकार पर आगबबूला है। हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किये जाने के एक दिन बाद गुरुवार को विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ईडी जैसी एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष की आवाज दबा रही है।
HIGHLIGHTS
- विपक्ष ने सरकार पर आवाज दबाने का लगाया आरोप
- उन्हें कानून के मुताबिक किया गया गिरफ्तार- भाजपा
पीटीआई, नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर विपक्ष केंद्र सरकार पर आगबबूला है। हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किये जाने के एक दिन बाद गुरुवार को विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ईडी जैसी एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष की आवाज दबा रही है।
हालांकि, भाजपा नेताओं ने कहा कि उन्हें कानून के मुताबिक गिरफ्तार किया गया है।
जेएमएम नेता की गिरफ्तारी पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सौगत रॉय ने कहा, ”यह विपक्ष को दबाने की सरकार की कोशिशों का हिस्सा है। ईडी और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) विपक्ष को दबाने के लिए सरकार के मुख्य हथियार हैं।”
‘ईडी को किसी कारण की आवश्यकता नहीं’
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह “चुनावी मौसम है तो ईडी को किसी कारण की आवश्यकता नहीं है।वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद फौजिया खान ने सवाल किया कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां केवल विपक्षी नेताओं पर ही छापेमारी क्यों करती हैं।”
सांसद फौजिया खान ने कहा,”इतने दिनों में यह बहुत स्पष्ट हो गया है, सभी ईडी छापे, आयकर छापे विपक्ष के सदस्यों पर हैं। भाजपा वॉशिंग मशीन की तरह है, अगर आप वहां जाते हैं तो आप साफ हो जाते हैं और अगर आप विपक्ष की तरफ जाते हैं तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाता है।”
‘चुनाव से पहले विपक्ष पर हमला करने का एक प्रयास’
आप नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष पर हमला करने का एक प्रयास है। मुझे यकीन है कि अगले एक महीने में कई और विपक्षी नेता गिरफ्तार होंगे…।”
अपनी गिरफ्तारी को अदातल में दी चुनौती’
सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था और झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी नामित किया था। उन्होंने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय का भी रुख किया है।