
सिंगरौली जिले में देश का सबसे बड़ा ताप विद्युत गृह है, जिसका संचालक NTPC करता है। इससे निकलने वाली राख को प्रबंधन ने खुले में फेंक दिया है। जिससे हजारों पेड़ों को नुकसान पहुंचा है और राख के पहाड़ खड़े हो गए हैं।
सिंगरौली जिले में स्थित देश के सबसे बड़े ताप विद्युत गृह एनटीपीसी विंध्याचल सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट में प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पर्यावरण खतरे में पड़ गया है। प्रबंधन ने प्लांट से निकलने वाली राख को गोरबी रेंज की वन भूमि में डम्प करवा दिया है। इससे सैकड़ों पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। इलाके में राख के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए हैं।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब एनसीएल गोरबी ब्लाक बी प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट के अफसरों ने एनसीएल व एनटीपीसी विंध्याचल प्रोजेक्ट के बीच गोरबी की खाली पड़ी खदान में राखड़ डंप करने के आपसी समझौते के निर्धारित एरिया से बाहर राखड़ डंप करने की जानकारी पर साइट विजिट कर देखी। एनटीपीसी विंध्याचल प्रोजेक्ट और एनसीएल प्रबंधन के बीच एनसीएल गोरबी की खाली खदान में राख पाटने को लेकर तीन जनवरी 2019 को समझौता ज्ञापन पर अनुबंध हुआ था l
एनसीएल प्रबंधन द्वारा विंध्यनगर प्रोजेक्ट के साइलो से गोरबी खदान तक राख परिवहन का सड़क मार्ग निर्धारित किया गया था। ताकि परिवहन के दौरान आम लोगों को दिक्कत न हो। एनटीपीसी प्रबंधन की लापरवाही को देखते हुए एनसीएल प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति उठाई। यह कहा है कि आपके द्वारा आपसी समझौते का सही तरीके से पालन नहीं कराया गया है l आपके द्वारा खतरनाक तरीके से राख परिवहन और डंपिंग कराया गया है l वह भी निर्धारित स्थान से बाहर है l एनसीएल ब्लॉक बी गोरबी प्रबंधन द्वारा एनटीपीसी को राख डंपिंग की गूगल मैपिंग और ट्रकों की बेतरतीबी और उड़ती हुईं राख की फोटोग्राफी भी साझा करते हुए इसे पर्यावरण के लिए बेहद ख़तरनाक बताया है l
जहा राखड़ डंप किया वहां सैकड़ो हरे वृक्ष जमींदोज
एनटीपीसी विंध्याचल प्रोजेक्ट ने एनसीएल गोरबी ब्लाक बी की खाली खदान मानते हुए जहां राखड़ डंप कराई है, वहां सैकड़ों हरे वृक्ष दब गए हैं। साफ जाहिर है कि वन भूमि में बिना फॉरेस्ट एनओसी के ही राखड़ पाट डाला गयाl फोटो में साफ दिख रहा है कि जहां राख डाली है, वहां बड़े-बड़े ट्रकों का इस्तेमाल किया गया है। जबकि इस बात की स्पष्ट हिदायत थी कि राख उड़कर बाहर नहीं गिरनी चाहिए।
समझौते और राख डंप के तरीके के उल्लंघन पर जताई आपत्ति
एनसीएल गोरबी ब्लाक बी के महाप्रबंधक और एनसीएल मुख्यालय के महाप्रबंधक वन और पर्यावरण ने एनटीपीसी विंध्याचल प्रोजेक्ट को खदान में राख डंपिंग के मनमाने तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस संबंध में 18 अगस्त 2023, एक सितम्बर 2023 और चार नवम्बर 2023 के पत्रों का भी हवाला दिया हैl इसमें कहा गया है कि निर्धारित क्षेत्र में राख नहीं पाटी गई है और न ही सही तरीका अपनाया गयाl राखड़ उड़ता हुआ दिख रहा है l इससे पर्यावरण और आम लोगो के लिए बेहद नुकसानदेह दिखाई दे रहा है l
खाली खदान में जमा अम्लीय पानी में डालनी थी 10 लाख टन राख
जानकारी के अनुसार एनसीएल गोरबी खदान में लंबे अरसे से पानी भरा हुआ है जो आम जीव जंतु और लोगों के पीने योग्य नहीं है। इसमें एनटीपीसी विंध्याचल को 10 लाख टन राख भरनी थी। इसके बजाय उसने राख फारेस्ट एरिया में डम्प करवा दीl