
मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाया है। सीबीआई की जांच में जो नर्सिंग कॉलेज पात्र निकले हैं, उनकी सूची मांगी है।
मध्य प्रदेश के फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई ने की थी। व्यापक स्तर पर अनियमितताएं भी सामने आई हैं। इस बीच, मध्य प्रदेश सरकार ने दो आवेदन लगाकर हाईकोर्ट से सीबीआई जांच में पात्र निकले कॉलेजों की सूची मांगी है। ताकि उन कॉलेजों में अगले शैक्षणित सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू की जा सके। हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई एक अप्रैल तय की है।
मामला लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से दाखिल जनहित याचिका का है। इस पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की संयुक्त पीठ के सामने सरकार ने दो आवेदन पेश किए। इनमें आग्रह किया गया है कि सीबीआई की जांच में पात्र पाए गए कॉलेजों की सूची प्रदान की जाए। साथ ही नए सत्र में दाखिले की अनुमति प्रदान की जाए। युगल पीठ ने सुनवाई के बाद आवेदन पर फैसला सुरक्षित रखा है। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश किए गए दोनों आवेदन तथा कमेटी के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड जज की नियुक्ति के संबंध में फैसला सुरक्षित रखा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की।
सीबीआई से कराई है जांच
लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई से कराई थी। सीबीआई ने प्रदेश के 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की थी। सीबीआई ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने 50 कॉलेजों की जांच पर स्थगन आदेश जारी किए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान आठ फरवरी को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्कीट को बताया था कि सीबीआई ने मेडिकल यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों का निरीक्षण किया है। डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की रिपोर्ट जांच नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई ने प्रदेश में संचालित 169 नर्सिंग कालेज पात्र पाए हैं, जबकि 74 नर्सिंग कॉलेज मानकों को पूरा नहीं करते हैं। उनमें जो अनियमितताएं हैं, उन्हें सुधारा जा सकता है। 65 कॉलेज अयोग्य पाए गए हैं। हाईकोर्ट ने डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की सीबीआई जांच तथा 74 नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितताओं को दूर करने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे।