
बेहतर नतीजों पर राहुल सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने 10 साल के कार्यकाल में जो जनहितैषी काम किए गए हैं, उन कामों को भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं के बीच में जाकर बताया। उसी का फल मिला है।
मध्य प्रदेश में भाजपा क्लीन स्वीप की ओर बढ़ रही है। सभी 29 सीटों पर कमल खिलने जा रहा है। इंदौर में दो रिकॉर्ड बने हैं, तो दमोह में भी कीर्तिमान रचा जा रहा है। भाजपा के राहुल लोधी यहां से बड़ी जीत हासिल कर रहे हैं। 35 साल पुरानी रिकॉर्ड जीत को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं। वे चार लाख वोटों से आगे हैं।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक दमोह से भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी को सात लाख से ज्यादा वोट मिल चुके हैं, वहीं उनके निकटतम प्रत्याशी तरबर सिंह लोधी को लगभग तीन लाख वोट मिले हैं। इस प्रकार राहुल चार लाख से ज्यादा वोटों से आगे हैं। 35 साल पहले पूर्व दमोह सांसद और वर्तमान पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल 3 लाख 53 हजार 411 वोटों से जीते थे। इतनी ज्यादा लीड ले चुके राहुल अब बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। कभी भी उनकी जीत की घोषणा हो सकती है।
बेहतर नतीजों पर राहुल सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने 10 साल के कार्यकाल में जो जनहितैषी काम किए गए हैं, उन कामों को भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं के बीच में जाकर बताया और आज इसी का यह परिणाम है कि वे एक ऐतिहासिक जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
कम मतदान प्रतिशत के बावजूद भी बड़ी जीत
दमोह लोकसभा की मतगणना पॉजिटिव कॉलेज में सुबह आठ बजे शुरू हुई और पहले ही राउंड से भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह ने करीब 6000 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी तरवर सिंह से बढ़त ले ली थी। कांग्रेस द्वारा भाजपा प्रत्याशी को बिकाऊ बताया था, लेकिन मतदाता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान किया। लोकसभा में मतदान प्रतिशत कम रहा, लेकिन परिणाम इसके उलट ही आए और भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी पर शुरू से लेकर बारहवें राउंड तक बढ़त बनाए रखी। सबसे रोचक बात यह रही कि कांग्रेस प्रत्याशी को जितने वोट मिले उससे अधिक भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह ने अपनी लीड कांग्रेस प्रत्याशी पर बना ली थी। एक भी राउंड में ऐसा नहीं हुआ की तरवर सिंह ने राहुल सिंह पर बढ़त ली हो।
सबसे बड़ी बात यह रही कि वे मतगणना स्थल पर ही नहीं पहुंचे, केवल दमोह के पूर्व विधायक अजय टंडन यहां जरूर मौजूद रहे। जब राहुल सिंह ने एक लाख से अधिक की लीड ले ली तो वे भी निराश होकर वापस चले गए और धीरे-धीरे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जाने का क्रम भी शुरू हो गया। दमोह में 2024 लोकसभा चुनाव में 56.48 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 2019 लोकसभा चुनाव से 9.34% कम था। इस कम मतदान प्रतिशत के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी का ढाई लाख से अधिक वोटों से लीड लेना एक अचंभा ही साबित हुआ।