
Shivraj Singh Chouhan: शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सफल मंत्रियों में से एक हैं। ऐसे मोदी (PM Modi) 3.0 सरकार में उन्हें अहम कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतरिक्त उन्हें एक और मंत्रालय दिया गया है। जानिए, क्या है चुनौती?
Shivraj Singh Chouhan: देश को एनडीए गठबंधन वाली नई सरकार मिल गई है। सोमवार शाम को सभी मंत्रियों के विभाग के बंटवारे भी कर दिए गए हैं। नई मोदी सरकार में मध्य प्रदेश से तीन कैबिनेट और दो राज्य मंत्री बनाए गए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह डॉ. वीरेंद्र खटीक को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिया है। इसी तरह राज्य मंत्री बनाए गए दुर्गादास उईके को जनजातीयय मामलों और सावित्री ठाकुर को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय दिया गया है।
शिवराज भाजपा के टॉप 10 नेताओं में शामिल
केंद्रीय मंत्री चौहान की बड़ी जीत, प्रदेश में भाजपा के क्लीन स्वीप वाले नीतीजे और शिवराज सिंह की छवि ने पार्टी में उनका कद और बढ़ा कर दिया है। पीएम मोदी और मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शिवराज सिंह मंच पर सबसे पहली पंक्ती में नजर आए। इतना ही नहीं पीएम मोदी के बाद वे छठे नंबर की कुर्सी पर बैठे थे और इसी नंबर पर ही उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। वे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद बैठे थे। ऐसे में यह साफ है कि भाजपा में उनका कद काफी बड़ा हो गया है।
यह तस्वीर शपथ ग्रहण समारोह की है। पहली पंक्ति की पहली कुर्सी पर नरेंद्र मोदी बैठे हुए थे, दूसरी पर राजनाथ सिंह, तीसरी पर अमित शाह, चौथी पर नितिन गड़करी, पांचवीं पर जेपी नड्डा को जगह दी थी। इसके बाद छठवें नंबर की कुर्सी पर शिवराज सिंह बैठे हैं। अन्य नेता उनके बाद बैठे हुए हैं। इसका साफ संदेश है कि शिवराज पार्टी के टॉप छह नेताओं में शामिल हो गए हैं।
शिवराज को कृषि मंत्रालय मिलेगा यह पहले से तय था
प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कृषिमंत्रालय दिया जाएगा यह लगभग पहले से ही तय था। हालांकि, गठबंधन पार्टियों की ओर से भी इस मंत्रालय की मांग की थी, लेकिन भाजपा अपनी बात मनवाने में कामयाब रही। इसके अलावा एक अतरिक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय देकर शिवराज की जिम्मेदारी और बढ़ा दी गई है।
देश के किसानों का दर्द बांटेंगे मामा
मप्र के मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए कई बढ़े काम किए हैं, जिसका उन्हें फायदा मिला है। उनके कार्यकाल में प्रदेश को सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिला है। उनकी इसी कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार में उन्हें इस अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, शिवराज के पास माजूद दूसरा मंत्रालय ग्रामीण विकास भी अहम हैं। इन दोनों विभागों का बजट करीब 3.07 लाख करोड़ है। ऐसे में यह साफ है कि मध्य प्रदेश में मामा के नाम से चर्चित शिवराज अब देश के किसानों के भाई बनकर उनका दर्द बांटेंगे और उनकी समस्याओं को हल करेंगे।
शिवराज के सीएम रहते मप्र में कृषि में यह बड़े काम हुए
प्रदेश में कृषि जीडीपी 2005-06 से 2022-23 तक औसतन प्रति 7 फीसदी बढ़ी। कृषि उत्पादन और बेहतर योजना संचालन के लिए प्रदेश को सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिला। सिंचाई क्षमता 43 लाख हुई, इससे पहले यह 7.5 लाख हेक्टेयर थी। फसल के समर्थन मूल्य पर खरीदी पर बोनस देने की योजना शुरू की गई, इसके अलावा भी कई अन्य बड़े काम भी हुए।
सबसे बड़ी चुनौती- खेती को लाभ का धंधा बनाना
कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद शिवराज सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती खेती को लाभ का धंधा बनाने की है। साथ ही खेती में नए नवाचार कर युवाओं को खेती करने के लिए प्रेरित करना भी बहुत जरूरी है। साथ ही अगर, मोदी सरकार पिछले कार्यकाल में वापस लिए गए कृषि कानूनों को फिर से लागू करना चाहेगी तो शिवराज की इसमें बड़ी भूमिका होगी। इसके कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि, पीएम मोदी बार यह बता कह रहे हैं कि इस कार्यकाल में बड़े फैसले लिए जाएंगे।
पांच साल में दो करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
इसके अलावा शिवराज सिंह के पास ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी है। ऐसे में उन्होंने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अगले 5 साल में और 2 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य पूरा करना। पीएम मोदी की दो करोड़ गरीबों को घर देने की गारंटी मुख्य गारंटियों में से एक है। ऐसे में इसके लिए भी शिवराज को मेहनत करनी पड़ेगी।
2014 से थी शिवराज के केंद्र में आने की चर्चा
शिवराज सिंह चौहान मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। हालांकि, कहा जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद ही शिवराज को केंद्र सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन, शिवराज ने मप्र के लिए काम करने का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया था। कहा जा रहा है कि उस समय भी शिवराज को कृषि मंत्रालय देने की बात कही जा रही थी। शिवराज के इनकार के बाद उनके और पीएम मोदी के बीच मनमुटाव की खबरें भी सामने आईं थी।
