
एंकर – दमोह जिले के तेंदूखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत सांगा में अजीबो गरीब घोटाले का मामला सामने आया है। यहां दो साल पहले रोपे गए पौधों की हाइट बड़ने के बजाय घट गई। जो भी यह बात सुन रहा है उसे विश्वास नहीं हो रहा,लेकिन यह सच है।
मामले का खुलासा हुआ और
उपयंत्री ने जो फोटो दिखाई उसे देख सभी हैरान हैं, लेकिन उपयंत्री जिद पकड़े हैं कि जो वह कह रहे हैं वही सही है।
यह है पूरा मामला
मामला तेंदूखेड़ा जनपद की ग्राम पचायत सांगा का है। यहां अमृत सरोवर निर्माण के साथ पौधा रोपण मंजूर हुआ था जो आज मौके पर नहीं है। मामला सामने आया तो पंचायत के रोजगार सहायक से अधिकारियों ने दो साल पहले रोपित पौधारोपण की फोटो मांगी। रोजगार सहायक कई दिनों तक फोटो उपलब्ध नहीं करा पाये बाद में ग्राम पंचायत में पदस्थ उपयंत्री को भेजकर दो वर्ष पूर्व हुये पौधा रोपण की फोटो मंगवाई है।
उपयंत्री जो फोटो लेकर आये वह देख सभी दंग रहे गये। क्योंकि जिन पौधों को उपयंत्री दो वर्ष पूर्व के बता रहे हैं उनकी ऊंचाई मात्र छह से आठ इंच है। यदि यह सत्य है तो फिर हम कह सकते हैं की सांगा ग्राम पंचायत दुनिया की पहली ग्राम पंचायत है जहां रोपित पौधे आकार में बढ़ने की जगह छोटे हो रहे हैं।
बड़ने की जगह घटा आकार
वर्ष 2022 में सांगा ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के साथ यहां पौधा रोपण होना था। यह पौधा रोपण कब हुआ यह तो पंचायत कर्मी ही बता सकते हैं। जबकि यहां अब कोई पौधे नहीं है, लेकिन पौधों के लिए आये बजट का भुगतान पंचायत में मनरेगा योजना से मजदूरों के नाम पर हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने पुरे मामले से अवगत कराया। उसके बाद पौधा रोपण की एक शिकायत जनपद स्तर के अधिकारियों को दी गई।
शिकायत मिलने और भुगतान देखने के बाद तत्काल जनपद के अधिकारियो ने पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक से दो वर्ष पूर्व रोपित पौधा रोपण के संबंध में जानकारी ली तो रोजगार सहायक ने पौधा रोपण के मोके पर होने की पुस्टि की, लेकिन कई दिनों तक फोटो मांगने के बाद रोजगार सहायक पौधा रोपण की फोटो नहीं भेज पाये।
बाद में उपयंत्री मौके पर गये और उन्होंने जो दो वर्ष पूर्व हुये पौधा रोपण की फोटो दी उसको देख सभी हैरान रह गए। क्योंकि उपयंत्री द्वारा जो फोटो दी गई है उसमें दो साल पहले रोपित पौधे छह से आठ इंच के है।जबकि दो वर्ष पूर्व लगाये गये पौधे आज चार से पांच फुट ऊंचे होने थे, लेकिन उपयंत्री दिलीप सूत्रकार कह रहे हैं की जो फोटो उन्होंने दी है वह दो वर्ष पूर्व रोपित पौधों की है।
ये है हकीकत
सांगा में अमृत सरोवर निर्माण के समय 100 पौधे रोपित होने थे जो मोके पर नहीं है, लेकिन इनका भुगतान लगातार मनरेगा योजना से निदाई, देखरेख और मजदूरों के नाम पर हो रहा है। पंचायत कर्मियों के साथ उपयंत्री भी लगातार मस्टर पर पौधे की देखरेख करने मजदूरों की पुस्टि कर रहे थे,लेकिन हकीकत में पौधे थे ही नहीं। जब मामला सामने आया तो तत्काल में पंचायत कर्मियों ने गड्डे खोदकर उसमें अमानक आकार के पौधों का रोपण कर दिया।
इसलिए उन अमानक पौधों को उपयंत्री दिलीप सूत्रकार दो वर्ष पहले रोपित पौधे बता रहे हैं।
यह बोले रोजगार सहायक
पौधा रोपण मनरेगा योजना से हुआ था। रोजगार सहायक इनमें मजदूरों की हाजरी डाल रहे है, लेकिन जब दो वर्ष पूर्व हुये पौधा रोपण की फोटो की जानकारी ली गई तो सांगा पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक राजेश अहिरवार का कहना है की पौधा रोपण की फोटो उपयंत्री लेकर गये हैं।
उपयंत्री दिलीप सूत्रकार से दो वर्ष पूर्व हुये पौधा रोपण को लेकर बात की तो उन्होंने बताया की पौधा रोपण दो वर्ष पूर्व हुआ था। उनसे पूछा दो वर्ष पूर्व रोपित पौधे आकार में बड़े है या उनका आकार घटा है। तो उन्होंने कहा जैसे है फोटो में है 100 पौधे रोपित हुये थे जिनमें 70 से 75 पौधे जीवित है।
पूरे मामले को लेकर तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी का कहना है पौधा रोपण के समय मानक आधार का पौधा रोपित होता है जो आकार में डेढ़ फुट बड़ा होना चाहिए और दो वर्ष पूर्व रोपित पौधा का आकार तीन से चार फुट जरूर होगा। मैने पौधारोपण की फोटो मांगने के निर्देश सहायक यंत्री को दिये थे। उन्होंने फोटो अभी उपलब्ध नहीं कराई है में शीघ्र पुरे मामले की जांच करवाता हूं।